सृजन महाविद्यालय में हुआ लोकमता अहिल्या देवी का त्रिशताब्दी जन्म वर्ष पर उनके जीवन दर्शन पर प्रदर्शनी लगाई गई!

112

सृजन महाविद्यालय में हुआ लोकमता अहिल्या देवी का त्रिशताब्दी जन्म वर्ष पर उनके जीवन दर्शन पर प्रदर्शनी लगाई गई!

 

Ratlam : सृजन महाविद्यालय में हुआ लोकमता अहिल्या देवी का त्रिशताब्दी जन्म वर्ष पर उनके जीवन दर्शन पर प्रदर्शनी लगाई गई व व्यख्यान समारोह कार्यक्रम के मुख्या अतिथि लीला जोशी ने सभा को लोकमाता के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए नारी सशक्तिकरण की बात कही, मुख्यवक्ता के रूप में पधारें अधिवक्ता कुणाल भवर ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी साम्राज्य की प्रशासनिक कल्पना को लोकमाता ने साकार किया। उन्होंने न केवल होल्कर साम्राज्य में बल्कि संपूर्ण भारत के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया, धर्मशालाएं बनवाई और नए मंदिरों का निर्माण करवाया।

IMG 20240925 WA0139

वे जानती थीं कि भारत की सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केंद्र मंदिर हैं और इन्हीं के माध्यम से स्वत्व के भाव का निर्माण हो सकता है। उन्होंने सूचना तंत्र, व्यापार नीति और टैक्स नीति को सशक्त और प्रभावी बनाकर प्रशासन को मजबूत बनाया और अन्य रियासतों के साथ भी अपने संबंधों को सुदृढ़ और मजबूत किया। श्री शंकर का आदेश मानकर प्रशासनिक कार्यों को संपादित करने वाली लोकमाता ने राज्य की आंतरिक समस्याओं को योग्य व्यक्ति की सलाह मानकर सुलझाया और राजनीतिक षड्यंत्रों को अपनी प्रशासनिक योग्यता से असफल करते हुए राघोबा के आक्रमण को भी रोक लिया। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में महिला सेना का निर्माण किया और सती प्रथा, दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं को समाप्त किया। समारोह के अध्यक्ष अनिल झालानी ने मालवा की रानी अहिल्या बाई कह अपने आपको गर्वित महसूस करते हुए कहा की हम जिस धरा में जन्में है वो लोकमाता अहिल्या के आभा से कभी प्रज्ज्वलित हुई है।

IMG 20240925 WA0140

व्याख्यानमाला के अंत में संचालनकर्ता निसर्ग दुबे द्वारा श्रोताओं को स्वछता, आत्मनिर्भरता स्वदेशी व नागरिक शिष्टाचार का संकल्प दिलवाया गया व आभार सृजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जिंदल यादव ने माना!