Tremors of Earthquake : बैतूल और आसपास भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.2 आंकी गई!

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Tremors of Earthquake : बैतूल और आसपास भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.2 आंकी गई!

महाराष्ट्र के अमरावती में भी उसी समय झटके महसूस किए गए!

Betul : यहां आज दोपहर करीब 1.45 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। अचानक हुई इस हलचल से बैतूल और आसपास के कई इलाकों में हड़कंप मच गया। लोगों में दहशत का माहौल बन गया। झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। इस भूकंप का केंद्र महाराष्ट्र का अमरावती जिला बताया जा रहा है, जो बैतूल जिले की सीमा से लगा हुआ है। किसी जनहानि की खबर नहीं मिली, पर कई मकानों में दरार आ गई।

भैंसदेही, बैतूल बाजार और बैतूल के कई हिस्सों में लोगो ने जमीन में कंपन महसूस किया है। खिड़की और दरवाजे हिलने से लोग घरों के बाहर भी निकला आए। हालांकि, कंपन 4 से 5 सेकेंड तक महसूस किया गया। जिसके बाद कई जगह लोग घरों से बाहर निकल आए। कुछ स्कूलों में भी स्टाफ ने कंपन महसूस करने के बाद बच्चो को कक्षा से बाहर निकाल दिया। थरथराहट की आवाज भी महसूस हुई। खिड़की दरवाजे कंपन करने लगे। इसी समय महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अचलपुर, चिखलदा, अंजन गांव और सुर्जी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भी रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 आंकी गई।

बैतूल टेक्टोनिक जोन में

बैतूल सेंट्रल इंडिया के टेक्टोनिक जोन में आता है। टेक्टोनिक डिस्टरबेंस हो सकता है। इस एरिया में मेटा बेसाल्ट है। कई बार भूगर्भ में बड़ी बड़ी स्पेस बनी रह जाती है। उनमें धीरे धीरे पानी जाता हैं, तो वो हिस्से तेजी से नीचे जाते है। उसके कारण छोटे भूकंप हो सकते है, ट्रिमर आ सकते है। आवाज हो सकती है। यह पंधाना में हो चुका है। यह सभी बेसल्टिक रीजन है। ये चीज होती रहती है। इसे गंभीरता से लेना चाहिए। ये टेक्टोनिक जोन है। इसके बाद बड़ी एक्टिविटी भी हो सकती है। अगर यह टेक्टोनिक गतिविधि के कारण हो रहा है तो बड़ी गतिविधि हो सकती है। अगर यह बेसलटिक वजह से है तो यह सामान्य है। यह बरसात के कारण हो सकता है। सिस्मिक डिपार्टमेंट बता सकता है क्यों हुआ।

कलेक्टर ने बताया कि उन्हें भी जानकारी मिली

जिला प्रशासन घटना की जानकारी जुटाने में जुट गया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 आंकी गई है। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया की उन्हें भी लोगों से सूचनाएं मिली है कि कंपन हुआ है। वे इस संबंध में सूचना एकत्रित करवा रहे हैं। एसडीएम शैलेंद्र हनोतिया ने बताया की करीब 3 से 4 सेकेंड का कंपन महसूस किया गया। इससे कोई नुकसान की कोई सूचना नहीं है। लोगों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की है।

प्रशासन का इस मामले पर कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। कई बार रह-रहकर इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। 11 जून को ताप्ती नदी के किनारे रहने वाले लोगों में भी ऐसा ही भूकंप आने से हड़कंप मचा था। कंपन इतना तेज था कि कई घरों की दीवारों में दरार आ गई। कंपन महसूस होते ही लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए।