FIR Canceled : पूर्व CM के PS और उनकी पत्नी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

हाईकोर्ट ने कहा- FIR उच्चतम न्यायालय के न्याय सिद्धांतों के विपरीत'

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Bilaspur : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह व उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ दर्ज FIR को बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने निरस्त कर दिया है।

हाईकोर्ट ने जारी आदेश में कहा है कि FIR उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के न्याय सिद्धांतों के विपरीत है। जस्टिस एनके व्यास की सिंगल पीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। आज अपना फैसला सुनाया।

उल्लेखनीय है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में FIR दर्ज कराई गई थी। लेकिन, कोर्ट से सिंह दंपति को बड़ी राहत मिली है।

रायपुर के कांग्रेसी नेता विकास शर्मा ने अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए दो साल पहले ACB / EOW में शिकायत की थी।

ACB / EOW ने कार्यवाही शुरू की तो इसके खिलाफ अमन सिंह और यास्मीन सिंह ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं लगाईं। प्रारंभिक सुनवाई में ही High Court ने दोनों के खिलाफ ‘नो कोर्सिव स्टेप’ यानी किसी भी प्रकार के दंडात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

यास्मीन सिंह पर सांस्कृतिक विभाग में संविदा नियुक्ति के दौरान फर्जी तरीके से कार्यक्रम के लिए दौरा तय करना और शासन के खजाने से कार्यक्रम में खर्च बताकर भारी भरकम राशि आहरित करने का आरोप है।

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2005 में तत्कालीन BJP सरकार ने यास्मीन सिंह की संविदा नियुक्ति की थी। उस वक्त उनका वेतन प्रति माह 35 हजार रुपए निर्धारित किया गया था। तब तत्कालीन प्रमुख सचिव अमन सिंह का राज्य सरकार में अच्छा खासा प्रभाव था।

जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि 35 हजार रुपए प्रति महीने संविदा नियुक्ति करने वाली यास्मीन सिंह का वेतन कुछ सालों में ही बढ़कर 80 हजार प्रति महीना पहुंच गया था। यास्मीन अच्छी क्लासिकल डांसर भी हैं।

उनके ऊपर आरोप लगे कि वह अपनी संविदा नौकरी करने के बजाय सरकारी खर्च पर देशभर में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक विभाग के कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर डांस परफॉर्म किया करती थीं।

अपनी सैलरी के साथ-साथ वह डांस शो से मिलने इनाम की राशि भी लेती थीं।