Gunpowder Explosions : 2 मंजिला मकान में बारूद के धमाके, मलबे में 20 घंटे बाद मां-बेटी के शव मिले
Murena : यहां एक मकान में शनिवार दोपहर एक घर मे रखे बारूद में धमाके हुए थे। मलबा हटाने के 20 घंटे बाद यहां मां-बेटी के शव मलबे से निकाले गए। रविवार सुबह करीब 8 बजे ये शव मिले। दो जेसीबी की मदद से रेस्क्यू टीम पूरी रात मलबा हटाने में जुटी रही।
घटना के अनुसार, यहां के इस्लामपुरा में शनिवार दोपहर 12 बजे 2 मंजिला मकान में जोरदार धमाका हुआ था। इससे आसपास के 4 मकान धराशाई हो गए और करीब 300 मीटर तक मलबे के टुकड़े गिरे। जबकि, प्रशासन का दावा है कि यह घटना सिलेंडर फटने से हुई। लेकिन, मौके से पटाखों के रैपर मिले और पड़ोसियों का भी कहना है कि धमाका बारूद फटने से हुआ। जिस मकान में यह घटना हुई उसमें रहने वाले जमील ने भी बताया कि पटाखे बनाने के लिए रखे बारूद में विस्फोट से यह हादसा हुआ।
लोगों ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि घर की पटियों की छत उड़ गई। इसके कंकड़ मकान से लगभग 300 मीटर दूर पीपल वाली माता मंदिर के पास तक गिरे। आसपास मौजूद घरों की खिड़कियों में लगे शीशे टूट गए। लगा कोई बम फटा हो।
जमील का परिवार तीन साल से रह रहा था
जिस मकान में बारूद का धमाका हुआ वह गजराज सिंह राठौड़ का है। तीन साल पहले गजराज ने जमील को मकान किराए पर दिया था। धमाके के समय वह घर में नहीं था। किचन में खाना बना रही पत्नी अंजुम बेगम (35) और बेटी साहिबा बानो (17) मलबे में दब गए। दो बेटे अरबाज और आर्य स्कूल गए थे। लोगों को लगा कि दोनों बच्चे भी मलबे में दबे हैं, लेकिन शाम को वे लौट आए। मलबा हटाने में दो जेसीबी लगाई गई थीं। कई ट्रॉली मलबा निकला गया तब जाकर शव मिले।
पिज्जा बेचता और दिवाली पर पटाखे बनाता था जमील
जमील पिज्जा का ठेला लगाता है, उसे पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ में जमील ने बताया कि किचन में एलपीजी गैस के दो सिलेंडर रखे थे। एक भरा था और दूसरा आधा खाली था। उसके एक रिश्तेदार के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस है। वह दिवाली पर पटाखा बनाने का काम करता है। घर में दो पेटी बारूद रखी थी। कुछ बारूद पिछले साल की बची थी।