पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में नहीं होगी दूसरी परीक्षाएं, कालेजों की सम्बधता के लिए निरीक्षण करने नहीं जाएंगे प्राचार्य
भोपाल।राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री कॉलेज आॅफ एक्सीलेंस की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि यहां अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन अब नहीं किया जाएगा वहीं यहां के प्राचार्य अब कॉलेजों की सम्बद्धता के लिए निरीक्षण करने प्रदेश में कहीं नहीं जाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार प्रदेश की समस्त जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज आॅफ एक्सीलेंस कॉलेजों की स्थापना की गई है। इनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु लगातार प्रयोग एवं कार्यक्रम प्रारंभ है। प्रदेश के प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेजों के प्राचार्य विश्वविद्यालयों के विभिन्न कार्यो से जुड़े कामों को भी अंजाम देते है। विश्वविद्यालयों से जुड़े कॉलेजों में सम्बद्धता निरीक्षण के लिए भी एक्सीलेंस कॉलेजों के प्राचार्यो को भेजा जाता है। इसके चलते प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेजों की शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रबंधन के दायित्वों का वे सही ढंग से निर्वहन नहीं कर पा रहे है। इससे पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों का काम प्रभावित हो रहा है। इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों के प्राचार्यो को सम्बद्धता निरीक्षण के लिए कहीं नहीं भेजा जाएगा। निरीक्षण का काम उनके स्थान पर अन्य वरिष्ठ प्राध्यापकों को भेजा जाएगा। उनसे निरीक्षण की यह सारी कार्यवाहियां पूरी कराई जाएंगी। इसी तरह अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा कार्यालय में पदस्थ विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी शासन के प्रशासनिक निर्देशों के परिपालन हेतु अति व्यस्त होते है इसलिए उन्हें भी विश्वविद्यालय के कार्यो से पृथक रखा जाएगा।
पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों की गुणवत्ता प्रभावित न हो यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की सामग्री मिले, उनके अध्ययन में बाधा नहीं आए और उन्हें बेहतर अध्ययन की सुविधा मिल सके इसलिए यह निर्णय लिया गया है।
उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को कहा है कि प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज आॅफ एक्सीलेंस में अन्य परीक्षाओं के केन्द्र नहीं बनाए जाए इसके अलावा अन्य शासकीय महाविद्यालय जिनमें कन्या महाविद्यालय भी शामिल है उनमें परीक्षा केन्द्र का निर्माण किया जाए। कन्या महाविद्यालय में इस प्रकार भवन निर्माण किया जाए जिससे परीक्षा संचालन होने पर भी महाविद्यालय को समस्या न हो। इस संबंध में अन्य विकल्पों की तलाश करने के लिए भी सभी विश्वविद्यालयों को कहा गया है।