अक्टूबर बीतने को है अभी तक नवीन अफीम फसल नीति की घोषणा नहीं सांसद एवं विधायक ने केन्द्रीय वित्तमंत्री से शीघ्र अफीम नीति घोषित करने की मांग का
मन्दसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मन्दसौर । अक्टूबर माह अंतिम सप्ताह बीतने को है लेकिन अभी तक आगामी सत्र के लिए नवीन अफीम फसल नीति की घोषणा नहीं होने से अफीम किसान चिंतित व असमंजस में है ।
इस बारे में राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर मन्दसौर विधायक श्री विपिन जैन ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर अफीम फसल नीति वर्ष 2024- 25 को शीघ्रअतिशीघ्र घोषित किए जाने की मांग की है ।
इसके पहले लोकसभा सांसद श्री सुधीर गुप्ता , चित्तौड़गढ़ सांसद श्री सी पी जोशी , कोटा झालावाड़ के जनप्रतिनिधियों ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एवं नारकोटिक्स विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ मन्त्रणा करते हुए नवीन सत्र के लिए किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अफ़ीम पॉलिसी शीघ्र घोषित करने की चर्चा की । उसके एक माह बाद भी नीति की घोषणा ही नहीं हो पाई है ।
इधर पूर्व विधायक श्री यशपालसिंह सिसोदिया ने भी केंद्रीय मंत्री से न्यू अफ़ीम पॉलिसी जल्द जारी किये जाने की मांग की ।
मध्यप्रदेश राज्यसभा सांसद एवं भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बंशीलाल गुर्जर तथा जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं मन्दसौर विधायक श्री विपिन जैन द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री भारत सरकार को पत्र प्रेषित कर कहा है की अफीम उत्पादन के क्षेत्र में मंदसौर अग्रणी है नीति घोषित नहीं होने से अफीम उत्पादक किसान चिंतित हैं। वर्तमान मे अफीम की फसल को बोये जाने का समय प्रारंभ हो गया है परंतु इस वर्ष अफीम फसल नीति की घोषणा अभी तक नही हुई है जिसके कारण अफीम उत्पादक किसान अफीम फसल को बोये जाने को लेकर असमंजस में है प्रतिवर्ष अफीम फसल नीति सितंबर माह के आस पास घोषित हो जाती है ताकि निर्धारित समय पर अफीम उत्पादक किसान फसल बोकर अच्छा परिणाम आने की आशा करता है।
सांसद श्री गुर्जर एवं विधायक श्री जैन ने केंद्रीय वित्तमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि अफीम उत्पादन मे मंदसौर, नीमच अग्रणी है और मालवा मेवाड़ के चित्तौड़गढ़ प्रतापगढ़ , कोटा झालावाड़ आदि क्षेत्रों में प्रमुख रूप से अफ़ीम उत्पादन होता है ।
केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्षअफीम फसल नीति की घोषणा की जाती है किंतु इस बार अबतक अफ़ीम नीति घोषित नही होने से क्षेत्र से लगातार अफीम उत्पादक किसानो द्वारा फसल नीति घोषित करने के संबंध में मांग की जा रही है नीति घोषित नही होने से फसल देरी से बोई जाएगी जो अप्रेल माह तक तैयार होगी वही गर्मी बड जाने व कम ठंड के कारण फसल मे कई तरह की बिमारिया भी आ जाती है जिसके निवारण में किसानो की लागत बढ़ जाती है और वही मौसमी मार के कारण औसत पूर्ण नही होने का भी डर किसानो को सताये रहता है।
सांसद श्री गुर्जर एवं विधायक श्री जैन ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से मांग की है कि किसानों के हितों को देखते हुए शीघ्र अतिशीघ्र अफीम फसल नीति वर्ष 2024-25 घोषित कर क्षेत्र के अफीम उत्पादक किसानो को आगे की गति मिल सके ।
इधर मालवा मेवाड़ अफ़ीम उत्पादक क्षेत्रों में मौसम लगातार बिगड़ता सुधरता चल रहा है । सोयाबीन , मूंगफली गेंहू आदि फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है । ऐसे में अफ़ीम नकदी फसल होने से अधिकांश काश्तकारों को इसका आसरा है पर नवीन सत्र के लिए निति की घोषणा ही नहीं होने से किसान परेशान हैं , त्यौहार सिर पर है और फिर अफ़ीम पट्टे की प्रक्रिया होना है ।