Indore Weak in Cleanliness : स्वच्छता के मामले में इस बार इंदौर का दावा कमजोर, सूरत और भोपाल का पलड़ा भारी!

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Indore Weak in Cleanliness

Indore Weak in Cleanliness : स्वच्छता के मामले में इस बार इंदौर का दावा कमजोर, सूरत और भोपाल का पलड़ा भारी!

सात बार देश में सबसे स्वच्छ शहर रहे इंदौर में नगर निगम की लापरवाही साफ नजर आ रही!

Bhopal : स्वच्छता के मामले में इंदौर का सात बार का दबदबा लगता है इस बार खत्म हो जाएगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में उसे कई शहरों से कड़ी टक्कर मिल रही है। पिछली बार गुजरात का शहर सूरत उसकी बराबरी पर था और दोनों को साझा रूप से स्वच्छता का खिताब मिला था। इस बार सूरत के अलावा नवी मुंबई और भोपाल भी मुकाबले में है। इंदौर देश में लगातार 7 बार देश का सबसे स्वच्छ शहर रहा है। लेकिन, इस बार उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। क्योंकि, अबकी बार इंदौर में सफाई और इस दिशा में होने वाले दूसरे कामकाज ढीले हैं। महापौर का नगर निगम पर नियंत्रण दिखाई नहीं दे रहा। गंदगी, खराब सड़कें और राजनीतिक दखलंदाजी की वजह से काम नहीं हो रहे।

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कई ऐसे शहर हैं जो इंदौर को टक्कर दे रहे हैं। इस बार इंदौर को भोपाल से बड़ा खतरा है। नवंबर में तीन राउंड के केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण होना है। आश्चर्य नहीं कि अबकी बार भोपाल इंदौर से आगे निकल जाए। इंदौर को स्वच्छता के मामले में उस बार सूरत से कड़ी टक्कर मिली थी। सूरत नगर निगम भी स्वच्छता के लिए लगातार नवाचार कर रहा है जिस कारण से उसके सफाई की देशभर में चर्चा हो रही है।

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शनिवार को भोपाल में पब्लिक कंसल्टेशन सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन शामिल हुए। उन्होंने भोपाल नगर निगम का प्रजेंटेशन देखा और बाकी काम को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान स्वच्छता को लेकर उन्होंने लोगों से संवाद किया। जिस तरह भोपाल की तैयारी है, संभावना है कि इंदौर उससे पिछड़ जाए!

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इंदौर को भोपाल से मिलती चुनौती

भोपाल से इंदौर को कड़ी चुनौती मिल रही है। 2023 में भोपाल देश का पांचवां सबसे स्वच्छ शहर था। इस बार भोपाल नगर निगम ने खास तैयारी की है, जिसका असर दिखाई भी दे रहा है। भोपाल नगर निगम के पास कचरा ट्रांसफर करने के लिए 72 बड़े ट्रक कैप्सूल हैं। वहीं, सड़क पर ऑटोमेटिक सफाई करने वाली 10 मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग मशीनें हैं।

स्वच्छता के कई मापदंडों से फैसला

स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल शहरों का अलग-अलग मापदंडों पर आकंलन किया जाता है। इसके बाद फैसला किया जाता है कि कौन सा शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर है। सफाई सिस्टम के अलावा शहरवासियों का फीडबैक, शिकायतों का समाधान, स्वच्छता के लिए नवाचार, कचरे का पुर्नउपयोग, कचरे का निदान, जल सरंचना, तालाबों की सफाई, पब्लिक टायलेट समेत कई पैमाने होते हैं।

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