God is Wandering for Justice: न्याय के लिए भटक रहे भगवान, ऑटो में लेकर जनसुनवाई में पहुंचे पुजारी

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God is Wandering for Justice: न्याय के लिए भटक रहे भगवान, ऑटो में लेकर जनसुनवाई में पहुंचे पुजारी

क्यों बार बार जनसुनवाई में पहुंच रहे भगवान, जानें क्या है मामला

राजेश चौरसिया की खास रिपोर्ट

छतरपुर: मध्यप्रदेश के छतरपुर से अनोखा मामला सामने आया है जहां दुनिया के पालनहार अपने सर पर छाया यानि रहने (मंदिर) के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

दरअसल, जिले में जनसुनवाई के दौरान एक मंदिर के पुजारी ने एसपी के सामने गोद में हनुमानजी की मूर्ति लेकर गुहार लगाई है। पुजारी का कहना है, कुछ दबंगों ने भगवान की जमीन पर कब्जा कर लिया है। वह कई बार जनसुनवाई में आ चुका है पर अब तक कोई सुनवाई या निराकरण नहीं हो पाया है। इस बार वह ऑटो में भगवान को लेकर जनसुनवाई में आया है। जहां अधिकारियों ने उससे कहा कि ले जाओ यहां से अपने भगवान वरना फेंक देंगे।

●आज फिर पहुंचे जनसुनवाई में भगवान..

छतरपुर में जनसुनवाई के दौरान उस समय अजीब स्थिति बन गई, जब एक बार फिर पुजारी ऑटो में राम दरबार भगवान को लेकर पहुंच गये। इसे देखकर कौतूहल और चर्चा का विषय बन गया कि आखिर क्यों ऑटो में भगवान को लेकर आए हैं।

●यह है पूरा मामला..

वहीं, पुजारी पुरुषोत्तम नायक और एक अन्य पुजारी का कहना है कि इसके पहले भी वह गोद में भगवान को लेकर आये। कलेक्टर एसपी को आवेदन भी दिया पर अब तक कुछ नहीं हुआ।

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पुजारी ने कलेक्टर को आवेदन देते हुए बताया कि नौगांव तहसील के फुलवारा गांव के मंदिर की जमीन पर दबंग लोग कब्जा करे हैं। वह साल 2016 में और 2022 में दो बार सिविल कोर्ट से केस जीत गए हैं। तब से अब तक सिविल न्यायालय के फैसले को अमल में नहीं लाया गया और न ही लाया जा रहा है। फैसले के पक्ष में आने के बाद भी उसे उस जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया है और भगवान विराजमान नहीं हो पा रहे हैं। साल 2016 से वह भगवान को ऐसे ही लेकर भटक रहा है और जहां भी जाता है, अपने भगवान को लेकर जाता है। इसके पूर्व भी वह कई बार इसी तरह एसपी और कलेक्टर के पास आ चुका पर कुछ नहीं हुआ।

●मेरी नहीं तो भगवान की सुनवाई तो करें..

मामले में पुजारी का कहना है कि मेरी नहीं तो भगवान की तो सुने और हकीकत जानें इसके लिए वह भगवान को लेकर जनसुनवाई में आता है और अधिकारियों के पास भटकता है।

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पुजारी का कहना है कि जिस मंदिर में हनुमानजी की मूति बिराजना है और वह हनुमान जी को गोद में लिए भटक रहा है। आज वह अधिकारियों को प्रत्यक्ष बताने के लिए इस बार हनुमानजी को साथ लेकर आया है। ताकि अधिकारियों को भी वस्तुस्थिति ज्ञात हो सके कि कैसे दुनिया का पालनहार करने वाले मंदिर में विराजमान होने के लिए भटक रहे हैं।

●कई साल से लगा रहा चक्कर..

आरोप है कि वह कई साल से आदेश को अमल में लाने और कब्जा दिलाने के लिए चक्कर लगा रहा है। बावजूद इसके अब तक कुछ हाल नहीं हो सका। वह अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा कर परेशान है। उसे दिया जाता है तो सिर्फ आश्वासन और तारीख।

●SDM की फोटो लेकर घूम रहे पुजारी बोले कर रही गलत कार्यवाही..

वहीं पुजारी का कहना है कि पिछली बार उसके आवेदन पर ADM ने संबधित SDM से बात करते हुए इस मामले को तत्काल निराकरण करने का आदेश दिये थे पर नोगांव SDM विशा माधवानी मामले में गलत जांच कर रही हैं। उसका आरोप है कि उन्होंने जिला प्रशासन को गुमराह कर दिया है। जिससे अब वह भगवान को लेकर भटक रहे हैं। उनका कहना है कि मेरा नहीं मेरे भगवान का नहीं तो जो न्याय का मंदिर है उसकी उसके आदेश को तो मानें, न्यायालय के आदेश को तो मानें। जब कोर्ट का आदेश है तो उसे अमल में लाएं पर कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं।

मामले में पुजारी का आरोप है कि वह जनसुनवाई में अपने भगवान उनके दरबार को टैक्सी में लेकर जनसुनवाई में आया और यहां पहुंचा तो अधिकारी जनसुनवाई से बाहर निकाल कर आए और उन्होंने कहा कि अपने भगवान को ले जाओ वरना हम इन्हें फेंक देंगे। जिससे पुजारी बेहद दुखी है। और अब इस तरह TAXI में मुख्यमंत्री के पास भगवान को लेकर भोपाल प्रदेश मुख्यालय जायेगा और अगर ऐसे ही वहां भी सुनवाई न होगी तो दिल्ली प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के पास भी जायेगा।

●अयोध्या में रामलला तो टेंट से मंदिर में पहुंच गए पर हम अपने भगवान को लेकर भटक रहे..

मामले में पुजारी का यह भी कहना है कि अयोध्या के रामलला तो टेंट से अपने मंदिर में पहुंच गए पर हमारे भगवान को मंदिर नसीब नहीं हो रहा और हम उन्हें लेकर दर-दर भटक रहे हैं। यह हम अपने लिए नहीं अपने भगवान के लिए कर रहे हैं और अपने अंतिम समय अंतिम सांस तक हम इस तरह भगवान के लिए लड़ते रहेंगे।

देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, पुरुषोत्तम नायक (वृद्ध पुजारी)-