Collector’s Public Hearing: कलेक्टर की जनसुनवाई में बुजुर्ग ने अपने ऊपर केरोसिन डालकर किया जान देने का प्रयास, मचा हड़कंप

जमीनी विवाद को लेकर लंबे समय से न्याय के लिए काट रहा था अधिकारियों के चक्कर, अब कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने दिये विस्तृत जांच के आदेश

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Collector’s Public Hearing: कलेक्टर की जनसुनवाई में बुजुर्ग ने अपने ऊपर केरोसिन डालकर किया जान देने का प्रयास, मचा हड़कंप

राजेश चौरसिया की रिपोर्ट 

छतरपुर: जिला मुख्यालय छतरपुर में मंगलवार को कलेक्टर पार्थ जैसवाल की मौजूदगी में जनसुनवाई के दौरान 71 वर्षीय बुजुर्ग रामस्वरूप रूपौलिया ने अपने ऊपर केरोसिन डालकर आग लगाने का प्रयास किया जिससे वहां मौजूद अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। बुजुर्ग अपने को आग लगाने ही वाला था वैसे ही कर्मचारी बुजुर्ग को पकड़ कर ऑफिस के एक कमरे में ले गए और वहां उसे बंद कर दिया।

बताया गया है कि बुजुर्ग जमीनी विवाद को लेकर लंबे समय से न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा था लेकिन समस्या सुलझ नहीं सकी जिससे वह काफी परेशान है। अब जनसुनवाई में वृद्ध द्वारा आत्महत्या क़ी कोशिश के बाद मामले की जानकारी मिलने पर कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने तत्काल विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

*●यह है पूरा मामला..*

चंदला थाना क्षेत्र के ग्राम बछौन निवासी रामस्वरूप रूपौलिया ने बताया कि वह कई बार जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर आ चुका है, लेकिन उसे अब तक न्याय नहीं मिला। लंबे समय से जमीन का विवाद चल रहा है लेकिन जनसुनवाई के चक्कर काटने के बाद भी उसकी समस्या हल नहीं हुई। बुजुर्ग ने कहा कि कई बार जनसुनवाई में आने के बाद भी जब उसे न्याय की उम्मीद नहीं दिखी जब कोई सुनता ही नहीं भूखों मरता हूं। जमीन परती पड़ी है तो क्या करूं जिससे उसने अधिकारियों के सामने ही जान देने की ठान ली और मंगलवार को केरोसिन लेकर जनसुनवाई में पहुंचकर अधिकारियों के सामने ही अपने शरीर पर केरोसिन डाल लिया और जान देने का प्रयास किया लेकिन वहां मौजूद कर्मचारियों ने उसे आग लगने से पहले पकड़ लिया। इसके बाद आनन फानन में एक कमरे में ले जाकर केरोसिन से भीगे बुजुर्ग के कपड़े बदलवाए गए और एम्बुलेंस बुलाकर उसे जिला अस्पताल ले जाकर जांच कराई गई और बाद में उसे गांव भेज दिया गया।

*●प्रशासन का दावा-सुलझा विवाद..*

चंदला थाने के ग्राम बछौन निवासी 71 साल के बुजुर्ग रामस्वरूप रूपौलिया द्वारा जनसुनवाई में अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आत्महत्या का प्रयास करने के बाद कलेक्टर ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को विस्तृत जांच के निर्देश दिए। इस मामले में कलेक्टर पार्थ जायसवाल का कहना है कि सम्बन्धित व्यक्ति की जो भी समस्या होगी उसका विधि अनुसार निराकरण किया जाएगा। लवकुशनगर एसडीएम द्वारा बताया गया कि रामस्वरूप और उसके भतीजे के बीच रास्ता विवाद की शिकायत पूर्व में प्राप्त हुई थी जिसके संबंध में तहसीलदार द्वारा 11 अक्टूबर 2024 को पारित आदेश में मौके पर जाकर रास्ता खुलवा दिया गया था। लेकिन रामस्वरूप के भतीजे द्वारा फिर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया था। इस संबंध में तहसीलदार ने पुनः 23 अक्टूबर को हल्का पटवारी के साथ मौके पर जाकर रास्ता खुलवा दिया था।

*●SDM ने बताया..*

लवकुशनगर SDM द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता रामस्वरूप द्वारा भी शासकीय भूमि खसरा नंबर 508 पर अतिक्रमण किया गया था। जिसे पूर्व में ही अर्थदंड आरोपित कर बेदखली का आदेश पारित किया गया था। इस प्रकार शिकायतकर्ता एवं आवेदकगणों द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने को लेकर आपसी विवाद है। दोनों पक्ष शासकीय भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करना चाहते हैं। जिसके संबंध में तहसीलदार द्वारा मौका निरीक्षण कर दोनों पक्षों के समक्ष शासकीय रास्ता की भूमि से उपरोक्त तारीखों में कब्जा हटाकर रास्ता का खुलासा किया गया था। मंगलवार को जनसुनवाई में प्राप्त शिकायत के पश्चात कलेक्टर छतरपुर के निर्देश पर पुनः मौके पर तहसीलदार द्वारा राजस्व अमले के साथ जांच की गई। प्रशासन ने दावा किया कि जिस रास्ते को लेकर विवाद था वह रास्ता खुला पाया गया। जबकि इसी रास्ते के बंद होने की शिकायत लेकर बुजुर्ग रामस्वरूप जनसुनवाई में पहुंचा था।

*●आया पीले में निकला सफेद कपड़ों में..*

कलेक्टर की जनसुनवाई में साधु ने जैसे ही अपने ऊपर पेट्रोल डाला तो तुरंत ही वहां पर मौजूद अधिकारीयों ने साधु को वहां से पड़कर एक कमरे (जिला पंचायत अध्यक्ष के कक्ष) में बंद कर दिया और वहां पर पुलिस तैनात कर दी। साधु को मीडिया से दूर रखा गया। बाद में उसे बाहर निकाला गया तो देखा वह अंदर गया तो था पेट्रोल से भीगे पीले कपड़ों में पर वहां से निकला सफेद (बदले हुए) कपड़ों में था।

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*●पीले कपड़ों में आया निकला सफेद में..*

यहां रोचक बात यह है कि जनसुनवाई में पेट्रोल डालकर आत्महत्या के प्रयास करने वाला वृद्ध आया तो पीले कपड़ों में था पर इस घटनाक्रम के दौरान जब उसे जिला पंचायत अध्यक्ष के चेंबर/कक्ष में ले जाया गया तो वहां उसके तेल से सने/भिडें (गीले) कपड़े बदले गये और जब वह वहां से निकला यो पीले के बजाय सफेद कपड़े पहने था।

और इतना ही नहीं उसे जिला मुख्यालय के जिला और बड़े अस्पताल भेजने के बजाय उसे एम्बुलेंस से पुलिस और प्रशसन के घेरे में वापिस उसके मुख्यालय यानि उसके गांव भेज दिया गया ताकि मीडिया उससे मिल और सवाल न कर सके।

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बताया जा रहा है कि साधु अपनी समस्या को लेकर परेशान था और अधिकारियों के द्वारा उसका समाधान नहीं किया जा रहा था इसलिए उसने यह कदम उठाया।

वहीं इस संबंध में कलेक्टर पार्थ जैसवाल का कहना है कि जो भी समस्या होगी उसका समाधान किया जाएगा। तो वहीं ADM मिलिंद नागदेवे व्रद्ध द्वारा अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल नहीं बल्कि केरोसिन का तेल लाना बताया जा रहा है। जबकि महक पेट्रोल की आ रही थी।