Undertrial Prisoners Should be Aware : जेलों में विचाराधीन कैदियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होने की जरूरत!
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष ने चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में विचार व्यक्त किए!
Chandigarh : सुप्रीम कोर्ट के जज और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई ने हाशिये पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में कानूनी सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर रविवार को विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जेलों में विचाराधीन कैदियों पर भी बात की और कहा कि उन्हें अपने अधिकारों को लेकर जागरुक होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 39ए बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि, यह समाज के वंचित, हाशिये पर पड़े और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता के अधिकार की गारंटी देता है। साथ ही उन लोगों के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित बनाता है।
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जस्टिस गवई ने यह विचार चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में आयोजित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान साझा किए। इसका विषय था ‘हाशिये पर पड़े लोगों का सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की ओर एक कदम।’
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ताशी राबस्तान भी इस अवसर पर उपस्थित थे। जस्टिस गवई ने जेल में कानूनी सहायता क्लीनिक के लिए नालसा की मानक संचालन प्रक्रियाओं सहित महत्वपूर्ण पहल का विस्तार से जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि यह पहल सुनिश्चित करती हैं कि कैदी अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक हो और उनका इस्तेमाल करें। जस्टिस गवई ने कहा कि कैदियों की दुर्दशा इसलिए चिंताजनक है, क्योंकि 76% कैदी विचाराधीन हैं, यानी उन्हें दोषी नहीं पाया गया है। उनमें से कई कानूनी सहायता की कमी के कारण जेलों में सड़ रहे हैं।
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उन्होंने कानूनी सहायता बचाव परामर्श प्रणाली और किशोर न्याय एवं पुनर्वास को लक्षित करने वाले अभियानों जैसे विशिष्ट कार्यक्रमों पर भी चर्चा की। जस्टिस गवई ने कानूनी सहायता तंत्र को मजबूत करने और सभी नागरिकों, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की गरिमा, समानता और अधिकारों को बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयासों का आग्रह किया।
क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान ‘पीड़ित देखभाल और सहायता प्रणाली योजना’ का भी आगाज किया गया, जिसमें अपराध के पीड़ितों को समग्र देखभाल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को रेखांकित किया गया। इसके अलावा मादक द्रव्यों के सेवन के मुद्दों को संबोधित करने के महत्व को उजागर करने के लिए नशीले पदार्थों के खिलाफ जागरूकता पर केंद्रित एक विशेष वीडियो का भी अनावरण किया गया।
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