Railway Electrification : दुनिया के 3 देशों में है 100% रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, रेल नेटवर्क में भारत चौथा!
रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के मामले में भारत बड़े देशों में पहले नंबर पर!
New Delhi : दुनिया के केवल तीन देशों में 100% रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन है। इन देशों में सभी ट्रेन इलेक्ट्रिक इंजन से ही चलती हैं। इनमें स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और मोनाको शामिल हैं। हालांकि, इन देशों का रेल नेटवर्क बहुत छोटा है। भारत के पास अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा बड़ा रेल नेटवर्क है। लेकिन, रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के मामले में भारत इन देशों से कहीं आगे हैं।
भारत में 96% रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन है, जबकि अमेरिका में मात्र 37%, चीन में 67% और रूस में 51% रेल नेटवर्क इलेक्ट्रिक है। अमेरिका में रेल नेटवर्क 250,000 किमी, चीन में 124,000 किमी, रूस में 86,000 किमी और भारत में 68,525 किमी है। इसके बाद कनाडा (48,000 किमी), जर्मनी (43,468 किमी), ऑस्ट्रेलिया (40,000 किमी), ब्राजील (37,743 किमी), अर्जेंटीना (36,966 किमी) और साउथ अफ्रीका (31,000 किमी) का नंबर है।
रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन में भारत के बाद बेल्जियम (82%), साउथ कोरिया (78%), नीदरलैंड (76%), जापान (75%), ऑस्ट्रिया (75%), स्वीडन (75%), नॉर्वे (68%), स्पेन (68%) और चीन (67%) का नंबर है। इटली में 65%, इथियोपिया में 64%, पोलैंड में 63%, यूरोपियन यूनियन में 56%, जर्मनी में 55%, फ्रांस में 54%, तुर्की में 48%, यूके में 37%, चेक गणराज्य में 34%, डेनमार्क में 32%, रोमानिया में 30%, ब्राजील में 30% और ईरान में 13% रेल नेटवर्क इलेक्ट्रिक है। ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में केवल 10% रेल लाइन ही इलेक्ट्रिक है। पाकिस्तान में यह आंकड़ा 4%, मेक्सिको में 3%, मिस्र में एक फीसदी, अमेरिका में एक फीसदी, अर्जेंटीना में 0.5% और कनाडा में 0.2% है।
भारत में 61,813 किमी ब्रॉड गेज नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है, जो कुल नेटवर्क का करीब 94% है। 2014 से 2023 के बीच इस पर 43,346 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इसके लिए 8,070 रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया।
पिछले कैलेंडर वर्ष में 6,577 किमी रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया। रेलवे तेजी से 100% इलेक्ट्रिफिकेशन के टारगेट की तरफ बढ़ रही है। इससे रेलवे को फ्यूल बिल के रूप में सालाना 15,000 करोड़ रुपये से अधिक बचत होने की उम्मीद है। भारत ने 2070 तक नेट-जीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। रेलवे ने 2030 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का टारगेट रखा है।