Felicitation Ceremony : डॉ दिलीप जवेरी की कृति ‘देवता की बातें’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार पर सम्मान समारोह!
Mumbai : खोये हुए दो जब मिल जाते हैं, वहीं कविता जन्म लेती है। कविता मुझे जीवन से जोड़ती है वह मेरे लिए संवेदना को प्रकट करने का जरिया है। यह विचार गुजराती के प्रख्यात कवि, नाटककार डॉ दिलीप जवेरी ने मुंबई विश्वविद्यालय के जेपी नायक भवन में आयोजित अपने सम्मान समारोह में व्यक्त किए। कथा, शोधावरी व विश्वविद्यालय के गुजराती विभाग द्वारा यह समारोह उन्हें उनकी कृति ‘देवता की बातें’ पर मिले साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।
कवि, विचारक बोधिसत्व ने कहा कि वे विद्वता की परंपरा के वाहक हैं। उनकी रचनाएं समाज में प्रभावकारी भूमिका निभाती हैं।उनकी कविताओं में मनुष्यता की बातें हैं।’ कथा के संयोजक, कथाकार, पत्रकार हरीश पाठक ने कहा कि वे कालजयी रचनाकार हैं जिनका रचा अरसे तक याद किया जाएगा। भाषा वहाँ दीवार नहीं है। शब्द उनके लिए संगीत है और कविता एक अंतहीन यात्रा। रमन मिश्र ने कहा कि गुलाब के फूल की तरह हैं उनकी कविताएँ जो हर वक्त सुगन्ध देती हैं। डॉ हूबनाथ पांडेय व आभा दवे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन अभय जोशी, आभार उर्वशी पंड्या व स्वागत सुषमा गुप्ता ने किया।
इस मौके पर डॉ उषा उपाध्याय, डॉ अवधेश कुमार राय, द्विजेन्द्र तिवारी, कृष्ण गौतम, राकेश शर्मा, श्रीधर मिश्र, कथाकार एस आर हरनोट, गंगाराम राजी, रत्न शंकर पांडेय सहित गुजराती व हिंदी विभाग के तमाम छात्र व छात्राएं उपस्थित थीं।