कुपोषण दूर करने में झाबुआ के ‘मोटी-आई’ मॉडल को देश ने जाना, उदयपुर में मंत्री निर्मला भूरिया ने मॉडल को बताया वरदान

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कुपोषण दूर करने में झाबुआ के ‘मोटी-आई’ मॉडल को देश ने जाना, उदयपुर में मंत्री निर्मला भूरिया ने मॉडल को बताया वरदान

अमित शर्मा की रिपोर्ट 

झाबुआ: राजस्थान के उदयपुर में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित चिंतन शिविर में झाबुआ का मोटी-आई मॉडल छा गया। शिविर के दूसरे दिन प्रदेश की केबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने देश भर के महिला बाल विकास मंत्रियों के सामने आदिवासी अंचल में किए जा रहे इस नवाचार का जिक्र किया। इस नवाचार को स्थानीय कलेक्टर नेहा मीना के द्वारा महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य व आयुष विभाग के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने इस मॉडल की सूत्रधार झाबुआ जिला प्रशासन का भी खास तौर पर जिक्र किया।

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा- मैं आदिवासी अंचल झाबुआ से आती हूं, जहां बच्चो में कुपोषण के बहुत सारे स्थानीय कारण मौजूद है। वैसे तो पूरे मप्र में कुपोषण निवारण के लिए मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम प्रभावी ढंग से चलाया जा रहा है, किंतु जनजातीय बाहुल्य इलाकों की विशेष आवश्यकताओं को देखते हुए मेरे जिले झाबुआ में मोटी आई जैसा नवाचार किया गया है।

मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया मोटी आई जिसे बड़ी मां भी कहा जाता है उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया।मोटी-आई के द्वारा कुपोषित बच्चों की आयुर्वेद के अनुसार तेल से नियमित मालिश की जा रही है साथ ही स्थानीय सहयोग से बच्चों को विशिष्ट पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। ये मोटी आई उन बच्चों के लिए वरदान बन गई है जिनके माता-पिता पलायन कर बच्चों को घर के बुजुर्ग के पास छोड़ जाते है। इन ‘मोटी-आई’ की बदौलत आज बिना किसी बजट के झाबुआ जिले में 1950 गंभीर कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर को सामान्य बनाने के लिए किए जा रहे एकजुट प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब तक करीब 600 बच्चे गंभीर कुपोषण से उबरकर सामान्य पोषण की श्रेणी में आ गए हैं, जो अभियान के सकारात्मक परिणाम दिखते है। आने वाले दिनों में हम झाबुआ जिले को ‘कुपोषण मुक्त अभियान’ के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेंगे।

इस प्रेजेंटेशन के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी सहित विभिन्न राज्यों से आए महिला बाल विकास मंत्री मौजूद थे।

मंत्री निर्मला भूरिया ने गिनाई प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने मप्र की ओर से दो सुझाव भी रखे।

मप्र की ओर से दिए दो सुझाव-

1. पहला महत्वपूर्ण बिन्दु प्रशिक्षण केंद्र का था। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा- पूर्व में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की प्रशिक्षण की एक सुनिश्चित व्यवस्था संचालित थी। इन केंद्रों को पुनः चालू कर कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के प्रशिक्षण का एक सुनिश्चित कैलेंडर जारी किया जाए।

2. 150 से 200 आंगनवाड़ियों पर एक परियोजना को मंजूरी दी जाने की अत्यंत आवश्यकता है।