New Delhi : उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आज दलबदल की नई कहानी लिखी जाना है। समाजवादी पार्टी के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव आज BJP में शामिल हो सकती हैं। कई मुद्दों पर उन्हें समाजवादी पार्टी से नाराजी रही है। अपर्णा को कई मुद्दों पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का समर्थन करते भी देखा गया।
मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना के बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से भाजपा की डॉ रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्हें 33,796 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। अपनी हार के बारे में बोलते हुए, अपर्णा ने कई बार कहा कि उन्हें भाजपा के प्रभुत्व वाले निर्वाचन क्षेत्र में सपा ने टिकट दिया गया था और जो हुआ वो तो होना ही था।
अपर्णा कभी SP की नीतियों, मुद्दों और विचारों की प्रशंसक नहीं रही। वे अक्सर सार्वजनिक मंचों पर भी इसकी आलोचना करती नजर आई हैं। उन्होंने एक बार कहा था कि उनके परिवार ने अतीत में जो किया, उसके लिए वे जिम्मेदारी नहीं ले सकती। उनकी टिप्पणी 1990 में यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में मुलायम सिंह यादव के कार्यों के जवाब में आई थी। यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान, बाबरी मस्जिद के पास कारसेवकों पर गोली चलाने के लिए UP पुलिस को विवादास्पद आदेश दिए थे, एक ऐसा कार्य जिसने पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हंगामा खड़ा हो गया था।
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स जैसे विवादित विषयों पर भी अपर्णा ने खुले तौर पर SP के रुख की आलोचना की। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा, ‘अगर कोई भारत का है, तो उसे रोस्टर में पंजीकृत होने में क्या समस्या है!’ जब अखिलेश यादव कोरोना वैक्सीन को लेकर हिचकिचा रहे थे, अपर्णा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों से टीकाकरण कराने की अपील कर रही थीं। उन्होंने अपनी तस्वीर के साथ एक पोस्टर भी शेयर किया था जिसमें लिखा था, ‘अपने मन में कोई संदेह न रखें, जब आपकी बारी आए, तो जाकर टीका लगवाएं।’