जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुल गुरू और बांसवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति सहित 19 प्रोफेसरों पर EOW में अपराध पंजीबद्व

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जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुल गुरू और बांसवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति सहित 19 प्रोफेसरों पर EOW में अपराध पंजीबद्व

मुरैना जिले के एक महाविद्यालय में फर्जी रूप से कॉलेज संचालित कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामला

भोपाल: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा मुरैना जिले के एक महाविद्यालय में फर्जी रूप से कॉलेज संचालित कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, छात्रों की स्कॉलरशिप निकालने सहित अन्य मामलों की शिकायत सही पाए जाने पर जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरू अविनाश तिवारी और गुरु जनजातीय विश्व विद्यालय बांसवाड़ा राजस्थान में कुलपति डॉ के ऐस ठाकुर सहित 19 प्रोफेसरों पर EOW में अपराध पंजीबद्व किए गए हैं।

इस संबंध में EOW द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आवेदक श्री अरूण कुमार शर्मा निवासी दुर्गा कालोनी मुरार ग्वालियर के द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में संचालक शिवशक्ति महाविद्यालय ग्राम झुण्डपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना के विरूद्व फर्जी रूप से कॉलेज संचालित करने के आरोप पर शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में की गई थी। जिसकी जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर द्वारा की गई जांच उपरांत प्राप्त साक्ष्य के आधार पर पाया गया कि शिवशक्ति महाविद्यालय ग्राम झुण्डपुरा के संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जिसके आधार पर कॉलेज की मान्यता एवं संबंद्धता प्राप्त कर छात्रों का फर्जी प्रवेश दिखाकर स्कॉलरशिप व अन्य मदो के लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई।

जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालय के निरीक्षण के लिये प्रतिवर्ष गठित जांच कमेटी के सदस्य डॉ0 एपीएस चौहान, डॉ0 ए.के. हल्वे, डॉ0 एस. के. गुप्ता, डॉ0 एस. के. सिंह, डॉ0 सी.पी. शिन्दे, डॉ0 आर.ए. शर्मा, प्रोफेसर अविनाश तिवारी (वर्तमान कुलगुरू) डॉ0 के.एस.ठाकुर ( वर्तमान मैं राजस्थान में कुलपति) , ज्योति प्रसाद, डॉ0 नवनीत गरूड़, डॉ0 सपन पटेल, डॉ0 एस.के. द्विवेदी, डॉ0 हेमन्त शर्मा, डॉ0 राधा तोमर, डॉ0 आर.पी. पाण्डेय, डॉ0 एम.के. गुप्ता, डॉ0 निमिषा जादौन, डॉ0 सुरेश सचदेवा, डॉ0 मीना श्रीवास्तव द्वारा असम्यक लाभ प्राप्त कर असत्य आधारों पर उक्त महाविद्यालय के कूटरचित निरीक्षण प्रतिवदेन तैयार कर उक्त महाविद्यालय की संबंद्धता लेने में सहयोग करने से उक्त व्यक्तियों के विरूद्व भा.द.वि की धारा 420, 409, 467, 468, 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 7 का अपराध प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया जाना दर्शित होता हैं।

इस मामले में डॉ0 एपीएस चौहान की मृत्यु हो जाने से शेष डॉ0 ए.के. हल्वे, डॉ0 एस. के. गुप्ता, डॉ0 एस. के. सिंह, डॉ0 सी.पी. शिन्दे, डॉ0 आर.ए. शर्मा, प्रोफेसर अविनाश तिवारी डॉ0 के.एस.ठाकुर, ज्योति प्रसाद, डॉ0 नवनीत गरूड़, डॉ0 सपन पटेल, डॉ0 एस.के. द्विवेदी, डॉ0 हेमन्त शर्मा, डॉ0 राधा तोमर, डॉ0 आर.पी. पाण्डेय, डॉ0 एम.के. गुप्ता, डॉ0 निमिषा जादौन, डॉ0 सुरेश सचदेवा, डॉ0 मीना श्रीवास्तव एवं अन्य के विरूद्व भा.द.वि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा के अंतर्गत अपराध पंजीबद्व किया गया हैं।