GIS-2025 Bhopal: 2 दिन में 30 लाख 77 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, MOU पर हुए हस्ताक्षर

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GIS-2025 Bhopal: 2 दिन में 30 लाख 77 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, MOU पर हुए हस्ताक्षर

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के समापन में बताया कि 2 दिन में 30 लाख 77,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।

GIS का प्राथमिक उद्देश्य विनिर्माण, बुनियादी ढांचे, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए मध्य प्रदेश को शीर्ष गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए राज्य को बड़ी कंपनियों से निवेश प्रस्ताव भी मिले।

 

सोमवार को शुरू हुए मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के पहले दिन गौतम अदाणी की अगुवाई वाले अदाणी समूह, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक एनटीपीसी समेत 10 से अधिक कंपनियों ने मध्यप्रदेश में करीब चार लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई।

अदाणी ने पंप भंडारण, सीमेंट, खनन, स्मार्ट-मीटर और तापीय ऊर्जा में 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की, जबकि रिलायंस ने राज्य में जैव ईंधन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई।

एनटीपीसी-एनजीईएल (एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड) और मध्य प्रदेश पावर जेनरेशन कंपनी लि. ने राज्य में 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसमें ऊर्जा क्षेत्र में 1,20,000 करोड़ रुपये का निवेश का अनुमान है।

नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी अवादा के चेयरमैन विनीत मित्तल ने कहा कि कंपनी ने राज्य में सौर, पवन और पंप भंडारण तथा बैटरी भंडारण परियोजनाओं और सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा विकसित करने में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।

सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और आरईसी ने राज्य में आने वाली परियोजनाओं के लिए क्रमश 26,800 करोड़ रुपये और 21,000 करोड़ रुपये की ऋण सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है।

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मुख्यमंत्री ने कहा, ”मध्य प्रदेश में पर्याप्त जमीन, पानी और प्राकृतिक संसाधन हैं। निवेशक-अनुकूल नीतियों और पर्याप्त बिजली आपूर्ति के साथ, यह निवेश के अवसरों की भूमि है।”

दो दिन चले सम्मेलन में 5,000 से अधिक ‘बिजनेस-टू-बिजनेस’ (कंपनियों के बीच) बैठकें हुईं जबकि 600 ‘बिजनेस-टू-गवर्नमेंट’ (कंपनियों और सरकारों के बीच) बैठकें आयोजित की गईं।

राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं और नीतियां पेश की हैं। इनमें कारोबार सुगमता के लिए एक ही जगह सभी प्रकार की मंजूरियां, विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सब्सिडी और प्रोत्साहन, औद्योगिक गलियारों और अलग से निवेश क्षेत्रों का विकास तथा उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय कार्यबल को कुशल बनाने में निवेश शामिल है।

भोपाल में होने वाला यह पहला GIS है। इससे पहले सभी निवेशक सम्मेलन इंदौर में हुए थे।