

Selection of New BJP President: भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में क्या पेंच फंसा?
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान में और देरी की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसकी बड़ी वजह भाजपा के चार बड़े राज्यों में संगठन चुनावों को पूरा नहीं होना बताया जा है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे प्रदेश शामिल हैं। इन चारों बड़े राज्यों में संगठन चुनावों में देरी, जिला अध्यक्षों की सूची फंसने से राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भी पेंच फंसा हुआ है। वहीं एक दूसरा कारण भाजपा और आरएसएस के मध्य नए अध्यक्ष के नाम को लेकर सहमति नहीं बनना भी बताया जा रहा है। लेकिन यह तय बताया जा रहा है कि भाजपा के 6 अप्रैल को आने वाले स्थापना दिवस से पहले नए भाजपा अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संघ मुख्यालय नागपुर की आगामी यात्रा को इस दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं।
बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार संघ मुख्यालय में अपने कदम रखेंगे। आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने प्रधानमंत्री मोदी नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी 30 मार्च को नागपुर में गुड़ी पड़वा के मौके पर कई कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। वे यहां केशव नेत्र चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखेंगे और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाक़ात करेंगे। इस मुलाकात और कार्यक्रम पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, सभी के दिलों दिमाग में यह सवाल आना स्वाभाविक है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद किसे बीजेपी के नए पार्टी अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी मिलेगी,राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा जोरों पर हैं। वैसे तो बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो चुका है, लेकिन उसे आगे बढ़ाया गया है। नए पार्टी अध्यक्ष के नाम को लेकर अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं। कोई कह रहा है यह दक्षिण भारत से होगा जहां भाजपा अपनी जमीन तलाश रही है तो कुछ लोगों का मानना है कि नया अध्यक्ष उत्तर से ही होगा क्योंकि भाजपा अपने गढ़ को और अधिक मजबूत बनाना चाह रही है लेकिन लोकसभा चुनावों में जे पी नड्डा ने जब यह कहा था कि अब भाजपा को संघ की जरूरत नहीं तो काफी विवाद हो गया था। संघ अब इस तरह की स्थिति की पुनरावृत्ति नहीं चाहता है इसलिए नए नाम को लेकर पेंच फंसा हुआ हैं।
पहले फरवरी के अंत तक बीजेपी के नए पार्टी अध्यक्ष का ऐलान होने की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन अब मार्च का तीसरा सप्ताह खत्म होने वाला है और अब तक पार्टी को नया अध्यक्ष नहीं मिला है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आरएसएस ने बीजेपी को यह सुझाव दे दिया है कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष किसे बनाया जाए, लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में अभी इस बारे में सहमत नहीं बनी है। आरएसएस चाहता है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष ऐसा हो जो संगठन का भरोसेमंद हो और आरएसएस की कार्यप्रणाली और नीति को मानने वाला हो। वहीं बीजेपी जेपी नड्डा जैसा अध्यक्ष चाहती है, जिससे पार्टी को वैसे ही सफलता मिले जैसे नड्डा के नेतृत्व में मिली है।अब तक नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला नहीं होने की वजह से नड्डा के कार्यकाल को बढ़ा दिया गया है। नड्डा को 40 दिन का एक्सटेंशन दिया गया है। ऐसे में बीजेपी का नया पार्टी अध्यक्ष कौन बनेगा, इसका फैसला होने में अभी और भी वक्त आगे बढ़ 20 अप्रैल तक का समय लग सकता है।
कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि भाजपा का अगला चीफ कब मिलेगा, कौन होगा, कहां से होगा? ये सवाल सियासी फिजाओं में तैर रहे हैं। होली के बाद और 21 मार्च से पहले किसी भी समय अपना अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। इसका कारण यह माना जा रहा है कि बीजेपी को अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से पहले मिल सकता हैं।यह बैठक 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरु में होनी है। दूसरी ओर कुछ राजनीतिक दल इसकी संभावना नए विक्रम संवत 30 मार्च से शुरू होने वाले चैत्र माह से पहले नहीं मान रहें
इधर दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी पार्टी के संविधान के अनुसार 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन चुनाव को लेकर सक्रिय हो गई है।राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए यह जरूरी है। चुने गए राज्यों को शीघ्र संगठन चुनाव पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक, भाजपा 50 प्रतिशत मानदंड को पूरा करने के लिए आवश्यक 18 में से केवल 12 राज्यों में ही संगठनात्मक चुनाव करा पाई है। भाजपा के एक सूत्र की मानें तो, अगले कुछ दिनों में पार्टी बाकी बचे छह राज्यों में अपने संगठनात्मक चुनाव पूरे कराने के लिए समय से पहले ही काम पूरा कर लेगी।
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भाजपा के एक उच्च स्तरीय सूत्र ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि पूरी प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए युद्ध स्तर पर काम जारी है।
देखना है भाजपा के स्थापना दिवस छह अप्रैल से पहले नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय हो जाएगा अथवा कोई नया पेंच फंसने से यह तिथि और आगे भी बढ़ सकती हैं?