अलीराजपुर: जनता को हमेशा ऐसा जनप्रतिनिधि पसंद आता है, जो उनकी मांग पर तत्काल कार्रवाई करे और जनता को तालियां बजाने का मौका दे। कुछ साल पहले अनिल कपूर की एक फिल्म ‘नायक’ आई थी, जिसमें एक दिन के लिए बना मुख्यमंत्री ऐसे ही फैसले करता है। कुछ यही अंदाज मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दिखाया। उन्होंने निवाड़ी में सार्वजनिक मंच से तीन अधिकारियों को निलंबित करने का फरमान जारी किया। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि मामले की EOW (आर्थिक अपराध शाखा) से जांच करवाई जाएगी, दोषी पाया गया तो इन्हें जेल भेजा जाएगा। आज मुख्यमंत्री जोबट उपचुनाव के सिलसिले में आलीराजपुर पहुँच रहे हैं। सबकी नजरें इस बात पर है कि ऐसा कुछ यहाँ भी हो सकता है! आज किस अधिकारी पर गाज गिरेगी!
मुख्यमंत्री पृथ्वीपुर उपचुनाव के सिलसिले में वहां पहुंचे थे। उन्हें शिकायत मिली थी कि जेरोन में प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ अफसरों ने भारी अनियमितताओं की है। मुख्यमंत्री ने वहीं से अधिकारियों को फटकारा और जिन दो अधिकारियों पर गड़बड़ी के आरोप लगे उनको मंच से ही Suspend करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने तत्कालीन CMO का नाम पता किया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि उस समय उमाशंकर नाम का CMO और अभिषेक राजपूत इंजीनियर था। दोनों पर कार्रवाई की गई। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर पृथ्वीपुर के तहसीलदार को भी Suspend किया। बाद में कमिश्नर ने आदेश जारी करके मुख्यमंत्री के निर्देश पूरे भी कर दिए।
अलीराजपुर भी आदिवासी इलाका है और यहाँ भी अफसर राज से इंकार नहीं सकता। संभावना है कि निवाड़ी की तरह मुख्यमंत्री यहाँ भी मंच लूटने के लिए ऐसी कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन, सवाल ये है कि इस तरह की प्रशासनिक कार्रवाई हमेशा क्यों नहीं की जाती! किसी भी कार्रवाई के लिए फाइल क्यों चलती रहती है। तत्काल कार्रवाई करके अधिकारियों को सबक क्यों नहीं सिखाया जाता?