
AGMP ने पूछा कितना सरकारी धन डूबा,सरकारी खातों के बाहर विभागों ने कितनी राशि जमा कर रखी
भोपाल: मध्यप्रदेश के महालेखाकार ने सरकारी विभागों से ऑफ बजट देनदारी, बैंको में रखी गई राशियों और शासकीय खातों के बाहर रखी गई निधियों की जानकारी मांगी है। विभागों से यह भी पूछा गया है कि न वसूल हो पाया कर्ज और अग्रिम जो बटअे खाते में डाला गया है उसकी जानकारी भी उन्हें दी जाए।
सरकारी विभाग बार-बार मांगने पर भी यह जानकारी नहीं दे पा रहे है। इसको लेकर फायनेंस ने सभी सरकारी विभागों के एसीएस, पीएस, सचिव और बजट नियंत्रण अधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल मांगी गई जानकारियों को भेजने को कहा है।
संचालक बजट तन्वी सुन्द्रियाल ने सभी विभागों के अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा है कि तीन दिन के भीतर यह जानकारी अनिवार्य रुप से भेजी जाए। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में शासन के समस्त विभागों के वित्तीय सलाहकारों, वित्त अधिकारियों के साथ शीघ्र ही वित्त विभाग में समीक्षा बैठक आयोजित की जाना है।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक कार्यालय के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश शासन को बजट के अलावा अन्य जानकारियां देना है। इसमें अनपेड बिलों के संबंध में देनदारियों की जानकारी मांगी है। बैंकों में रखी गई राशियां, पंचायती राज संस्थाओं को दिए अनुदान की बकाया राशि, आरक्षित निधि नियम, एन्यूटी परियोजनाओं के अतिरिक्त सार्वजनिक या लोक निजी भागीदारी के अंतर्गत निवेशित राशि की जानकारी भी विभागों को देना है। सरकार द्वारा बजट में प्रस्तावित नई योजनाओं पर लिये गए नीतिगत निर्णयों का भविष्य के नकद प्रवाह पर प्रभाव से संबंधित जानकारी भी विभागों को भेजना है।
सरकार ने विभिन्न संस्थाओं को वस्तु के रुप में दिए गए सहायक अनुदान की जानकारी और सिचाई परियोजनाओं के वित्तीय परिणामों की जानकारी भी विभाग से मांगी गई है। विद्युत योजनाओं के वित्तीय परिणाम की जानकारी, अपूर्ण कार्यो की सूची की जानकारी, वर्ष के दौरान सरकारी विभागों को कितना नया ऋण और अग्रिम के अतिरिक्त राशि दी गई वह भी मांगी गई है।
लगातार ऋण के रुप में स्वीकृत ऋणों के प्रकरण एवं ऋणों से बकाया पुनर्भुगतान के सारांश की जानकारी, ऋणों और अग्रिमों का सारांध ऋणी समूहवार और क्षेत्रवार मांगा गया है।निगमों, सरकारी कंपनियों, संयुक्त पूंजी कंपनियों और साझेदारी , बैंको एवं सहकारी संस्थाओं में ऋण और निवेश के रुप में दी गई सहायता का ब्योरा आॅडिटेड लेखा की प्रति भी मांगी गई है। निगम, सरकारी कंपनियों और संयुक्त पूंजी कंपनियों और साझेदारी बैँकों एवं सहकारी संस्थानों में जिनको कर्ज और निवेश के रुप में सहायता दी गई हो उनके द्वारा लाभांश एवं लाभ की राशि का विवरण निकायवार मांगा गया है।
वर्ष के दौरान पूर्व अवधि समायोजन जो पिछले वर्षो की शेष राशि और क्रमिक बुकिंग को प्रभावित कर सकते है जिसके लिए खाते बंद कर दिए गए है उनकी जानकारी भी मांगी है।





