श्रीप्रकाश दीक्षित की विशेष रिपोर्ट
मध्यप्रदेश पुलिस मे इंस्पेक्टर बख़्तसिंह पन्ना के बीजापुर मे थाना प्रभारी हैं वे रोज सुबह 7 से 10 बजे तक गाँव मे बच्चों और प्रतियोगी परीक्षा वाले बालकों के लिए शिक्षक बन जाते हैं.आठ महीने पहले आए बख्तसिंह ने थाना परिसर मे विद्यादान नाम से स्कूल-सह-लाइब्रेरी खोली जहां रोज दर्जन भर बच्चे आते हैं.बख्तसिंह पुलिस मे आने से पहले शिक्षक थे.
ऐसी ही जुनूनी हैं नरसिंहपुर की माया विश्वकर्मा जो अमेरिका मे पीएचडी अधूरी छोड़ अपने मेहरागाँव लौट आईं.दोस्तों और परिचितों की मदद से घर मे दस बिस्तरों का हेल्थ केयर और टेलीमेडिसिन सेंटर खोल कोविड का इलाज शुरू कर दिया.
भोपाल मे कोरोना कंट्रोल की वारियर्स दीपिका सोनी और साक्षी पांडे दो साल से बिना थके और बिना अवकाश लिए अपनी ड्युटी कर रही हैं.दोनों प्रोग्राम मैनेजर हैं और देर रात तक भी काम करने से नहीं हिचकती हैं.
तीस बरस अमेरिका मे बिता सुधाकर शर्मा पत्नी के साथ 2008 मे भोपाल लौट आए.पत्नी के निधन के बाद वो एकाकी जीवन बिता रहे वरिष्ठजनों के लिए अपनी करोड़ों की जमीन पर चार मंज़िला भवन मे 32 फ्लैट बना रहे हैं.हरदा के चारखेड़ा गाँव मे बीसियों बरस से गाँववाले हर साल गरीब कन्याओं के हाथ पीले करा रहे हैं.अब तक 200 से अधिक बेटियों के विवाह आपसी धन संग्रह से गाँव मे कराए जा चुके हैं.
देवास जिले के समझदार नागरिकों ने अमन और भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की है.दरअसल देवास के एक इलाके मे मंदिर और इमामबाड़ा आसपास होने से विवाद की स्थिति बनी रहती थी.इस पर दोनों समुदायों के समझदारों ने फैसला किया की वहाँ सांमुदायिक भवन बनाया जाएगा.मंदिर और इमामबाड़ा की जगहें भी आपसी सहमति से तय कर ली गईं।
उधर नीमच मे एक मुस्लिम युवा अशरफ मेव ने जैन संत की समाधि के लिए निशुल्क जमीन देकर अनुकरणीय पहल की है.