Bhopal Metro: चलने से पहले ही भोपाल मेट्रो को घाटे से उबारने की कवायद तेज

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Bhopal Metro: चलने से पहले ही भोपाल मेट्रो को घाटे से उबारने की कवायद तेज

भोपाल। राजधानी में भले ही मेट्रो अक्टूबर से चलनी हो लेकिन इसको घाटे से बचाने की दिशा में अभी से प्रयास शुरू हो गए हैं। सरकार ने इसके लिये नॉन टिकटिंग से कमाई करने के लिये प्लानिंग की है जिससे आगे चल हर मेट्रो रेल कार्पोरेशन को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिये जो फार्मूला बनाया जा रहा है उसमें कोच पर विज्ञापन भी है। इसके लिये कंपनियों से संपर्क कर उनको पहले से ही बुक किया जाएगा। इसके अलावा मॉरिडोर के दोनों तरफ पांच पांच सौ मीटर तक पॉपर्टी खरीदी और बिक्री पर दो प्रतिशत की राशि मेट्रो को दी जाएगी।

मेट्रो में पार्किंग से भी कमाई की उम्मीदें
भोपाल मेट्रो में पार्किंग से भी कमाई की उम्मीद है। मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा यात्रियों को अपनी गाड़ियाँ सुरक्षित रखने और मेट्रो का उपयोग करने में आसानी प्रदान करेगी, जिससे राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) के माध्यम से, यात्री मेट्रो के साथ-साथ पार्किंग, खरीदारी और टोल टैक्स जैसे अन्य भुगतानों के लिए भी भुगतान कर सकेंगे। भोपाल मेट्रो परियोजना में पार्किंग सुविधाएँ यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा होंगी, जिससे उन्हें अपनी गाड़ियाँ मेट्रो स्टेशनों पर पार्क करने और फिर मेट्रो का उपयोग करके अपने गंतव्य तक पहुँचने में सुविधा होगी।

अंतिम चरण में है मेट्रो का काम
भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट ने का 6.22 किलोमीटर लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर, जो एम्स से सुभाषनगर तक है, अब टेस्टिंग के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सभी जरूरी दस्तावेज रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आॅगेर्नाइजेशन को सौंपे जा चुके हैं। आरडीएसओ की जांच के बाद कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम मुआयना करेगी। यदि सब कुछ मानकों पर खरा उतरा तो भोपाल में अक्टूबर-नवंबर तक मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू हो सकता है।