इंदौर का एमवाय अस्पताल एवं इससे संबंधित सभी अस्पताल बने आदर्श अस्पताल

जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने अस्पतालों के विकास एवं उन्नयन हेतु चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग को दिए विभिन्न सुझाव

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MY Hospital of Indore and all its related hospitals became Adarsh ​​Hospital

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने आज इंदौर में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग से मुलाकात की। उन्होंने इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल एवं इससे संबंधित सभी अस्पतालों को आदर्श अस्पताल बनाने के लिये विकास एवं उन्नयन हेतु विभिन्न सुझाव दिये।

            मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इंदौर का महाराजा यशवंतराव अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल है। यहां पर मालवा-निमाड़ व अन्य प्रांतों से हजारों की संख्या में प्रतिदिन मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिनमें अधिकांश गरीब एवं मजदूर वर्ग के होते है। समुचित एवं बेहतर इलाज सुविधा हेतु एमवाय अस्पताल एवं इससे संबंधित अस्पतालों का विकास एवं उन्नयन किया जाना आवश्यक है।

            श्री सिलावट ने एमवाय में 200 बेड का अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर बनाये जाने, केजुअल्टी मेडिकल अफसर के और पद निर्मित किये जाने, नया कैंसर अस्पताल बनाये जाने, अस्पताल के सभी ऑपरेशन थिएटर को मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में बदलने, 200 बेड का एक डे केअर सेंटर बनाये जाने, अस्पताल में एयर कंडीशनिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण किये जाने,  एम. व्हॉय अस्पताल में आधुनिक वाइरोलॉजी लैच की स्थापना किये जाने,  डायग्नोस्टिक लैब का आधुनिकीकरण किये जाने, न्युक्लियर स्कैन जैसे- नए डाइग्नोस्टिक सिस्टम की स्थापना किये जाने, अस्पताल में जिन विषयों में पीजी कोर्स नहीं चल रहा है उसमें डीएनबी/एफएनबी कोर्स शुरू किए जाने, मरीज के परिजनों के रहने एवं उनके खाने की व्यवस्था करवाये जाने, अस्पताल में पृथक से इम्युनाइजेशन क्लिनिक बनाये जाने, अस्पताल में और लिफ्ट लगाये जाने, अस्पताल की सर्विस के लिए अलग से सेक्शन बनाये जाने, अस्पताल के आंतरिक रख-रखाव के किये एक हॉस्पिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सर्विस का गठन किये जाने, मेडिकल एवं सर्जिकल इंडोक्रिनोलॉजी ब्रांच की स्थापना किये जाने के सुझाव दिये।

इसके साथ ही मंत्री श्री सिलावट ने मंत्री श्री सारंग से चाचा नेहरू अस्पताल का विस्तार किये जाने,  इसकी बेड क्षमता को बढ़ाये जाने एवं ऑपरेशन थिएटर बनाने, मानसिक चिकित्सालय में आधुनिक डी-एडिक्शन सेंटर की स्थापना किये जाने, अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सभी अस्पतालों में स्थापित किये जाने, एमआरटीबी अस्पताल को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाये जाने, बेड क्षमता बढ़ाने के साथ नए आधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनाये जाने, वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट का सुदृढीकरण किये जाने, अस्पताल परिसर में सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटाये जाने एवं जीर्ण-शीर्ण हो चुकी पुरानी इमारतों एवं घरों को हटाये जाने, अस्पताल कैंपस में आवश्यकतानुसार बाउंड्रीवाल बनवाने, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी की स्थापना किये जाने, एमवाय अस्पताल एवं एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के कैंपस का सौंदर्यीकरण, सड़कों का चौडीकरण, वृक्षारोपण, मल्टी लेवल पार्किंग, ट्रैफिक व्यवस्था आदि कार्य किये जाने, डॉक्टर, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के रहने के लिए नए क्वाटर्स का निर्माण किये जाने, एमवाय अस्पताल में स्थापित पुलिस चौकी को मेडिकल थाने में परिवर्तित करने, 50 डॉयलिसिस यूनिट का अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सेंटर का निर्माण किये जाने आदि सुझाव दिये।