
LNIPE Gwalior: पूर्व कुलपति दिलीप कुमार दुरेहा को यौन शोषण मामले में हाईकोर्ट ने ठहराया दोषी, ₹35 लाख हर्जाना भरने के आदेश
मामले में लापरवाही पर कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को ₹5-5 लाख रुपये बतौर हर्जाना अपनी जेब से भरने का आदेश दिया
ग्वालियर: ग्वालियर से एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (LNIPE), ग्वालियर के पूर्व कुलपति प्रो. दिलीप कुमार दुरेहा को कार्यस्थल पर यौन शोषण के एक मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दोषी मानते हुए ₹35 लाख रुपये का मुआवजा पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने मामले में संस्थान की लापरवाही को भी गंभीर मानते हुए LNIPE प्रशासन पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया है।
यह फैसला 15 जुलाई 2025 को सुनाया गया, जिसमें न्यायालय ने साफ कहा कि पीड़िता की शिकायतों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया और उसे मानसिक, शारीरिक तथा सामाजिक रूप से गंभीर आघात झेलना पड़ा।
कोर्ट ने सबसे सख्त टिप्पणी गोला का मंदिर थाना पुलिस अधिकारियों और संबंधित जांच अधिकारियों पर की, जिन्होंने पीड़िता की शिकायत को लंबे समय तक टालते रहे। इस लापरवाही पर कोर्ट ने इन अधिकारियों को ₹5-5 लाख रुपये बतौर हर्जाना अपनी जेब से भरने का आदेश दिया है। यह रकम भी सीधे पीड़िता को दी जाएगी।
यह मामला अगस्त 2022 से जुड़ा है जब पीड़िता ने पहली बार संस्थान और पुलिस से शिकायत की थी कि तत्कालीन कुलपति समेत चार प्रोफेसर उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। लेकिन इन्हें गंभीरता से लेने की बजाय बार-बार नजरअंदाज किया गया और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के भी आरोप लगे।
हाईकोर्ट ने माना कि यह मामला न सिर्फ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को लेकर गंभीर था, बल्कि कानूनी और संस्थागत संवेदनशीलता की भी व्यापक विफलता है।
– सभी आरोपियों पर अब अनुशासनात्मक और आपराधिक कार्यवाही आगे बढ़ेगी।
– राज्य सरकार से कहा गया है कि संस्थानों में यौन शोषण नीति की सख्ती से समीक्षा और निगरानी हो।
– पीड़िता को शीघ्र राहत राशि देने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
यह फैसला देशभर के शैक्षणिक संस्थानों और पुलिस प्रशासन के लिए एक सख्त चेतावनी।और नज़ीर है- कि महिलाओं की शिकायतों को नज़रअंदाज़ करना अब बहुत महंगा पड़ सकता है।




