Pressure to Convert : दो बहनों का सोच इतना बदला गया कि परिवार पर धर्मांतरण का दबाव बनाया!

बड़ी बेटी ने ही छोटी बेटी को बरगलाया, पूजा-पाठ का विरोध किया, नमाज तक पढ़ने लगी!  

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Pressure to Convert : दो बहनों का सोच इतना बदला गया कि परिवार पर धर्मांतरण का दबाव बनाया!

Agra : अपनी दो बेटियों के अवैध धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से छूटकर बेटियों के लौटने पर माता-पिता खुश हैं। लेकिन, उनकी चिंता अभी कम नहीं हुई। माता-पिता ने रविवार को आगरा कैंप कार्यालय पहुंचकर पुलिस आयुक्त से मुलाकात की और आभार माना। उन्होंने कहा कि बेटियां धर्मांतरण के गिरोह से मुक्त हो गईं, इसकी बेहद खुशी है। पिता ने बताया कि बेटियों का इस कदर ब्रेनवॉश किया गया था कि वह अपने धर्म के बारे में बात करने को भी तैयार नहीं थीं।

उन्होंने बताया कि दोनों बहनों ने अपनी मां के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों पर भी धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। मगर, वह उन्हें इससे दूर रहने के लिए कहते थे। मां ने बताया कि जम्मू कश्मीर निवासी साइमा उर्फ खुशबू उनकी बड़ी बेटी को इस्लाम से संबंधित साहित्य पढ़ने को देती थी। वीडियो भी मोबाइल पर भेजा करती थी। फरवरी 2021 में कश्मीर से जब उसे लेकर आए तो वह नमाज पढ़ने लगी थी। इसके बाद जब भी साइमा कॉल करती थी, तो कई बार बेटी उनसे भी उसकी बात कराती थी। तब वह उनसे भी मुस्लिम साहित्य पढ़ने के लिए कहती थी। कई बार धर्म परिवर्तन करने के लिए भी कहा, तो उन्होंने इंकार कर दिया।

पूजा-पाठ का विरोध करती   

मां ने बताया कि मना करने पर बेटियां उनसे लड़ने लगती थीं। पूजा-पाठ करने पर विरोध करती थीं। मां ने बताया कि उन्होंने दोनों बेटियों को बहुत समझाया पर वह मानने को तैयार नहीं हुईं। बड़ी बेटी ने ही छोटी बेटी को बरगला दिया था। वह उस समय 16 साल की थी। बाद में दोनों साथ चली गईं। मेरी बेटियां तो वापस आ गई हैं। अब आप अपने बच्चों पर नजर रखें। उनका ख्याल रखें।

कामकाज में इतना व्यस्त न हो जाएं कि उनसे बात न करें। उन्हें शिक्षित करने के साथ ही धर्म के प्रति प्रतिबद्ध बनाएं। उन्हें अपने धर्म से संबंधित साहित्य उपलब्ध कराएं। हर दिन धर्म की अच्छाइयां साझा करते रहें। धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से छुड़ाई गईं सगी बहनों के पिता ने यह बातें मीडिया से बात करते हुए कही। उन्होंने लोगों से अपील की, कि बच्चों को पढ़ाने के साथ अपने धर्म के प्रति भी पक्का करें। उन्हें धर्म से संबंधित अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराएं, जिससे वो अपने धर्म को जान सकें। उनकी अच्छी बातों को पढ़ सकें।

उनका मन कहीं और न भटके। धर्म के प्रति बच्चों का ध्यान आकर्षित करते रहें। इससे वह किसी और धर्म के प्रति आकर्षित नहीं होंगे। पिता ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए बच्चों को जागरूक करते रहें। उन्होंने चार साल में जो कुछ देखा है, वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। अब भी उन्हें बहुत कुछ करना है।

रेकी के बाद की कार्रवाई

पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने दोनों बहनों की बरामदगी और कोलकाता से आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी। बताया कि पहले पांच सदस्यीय टीम को कोलकाता भेजा गया था। टीम पूरी तैयारी से गई थी। पुलिस कर्मियों को खुफिया कैमरे दिए गए थे। उनकी शर्ट के बटन और पेन में कैमरे थे। टीम ने पांच दिन तक मुस्लिम बस्ती में किराये पर कमरा लेकर रेकी की। सगी बहनों को देखा।

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ऐसे पकड़ा गया आरोपियों को 

आगरा में बैठी टीमों को वीडियो भेजे जाते थे। वह इस पर कार्रवाई की तैयारी की जाती थी। रास्तों की रेकी कराई जाती थी। एक आरोपी अली हसन उर्फ शेखर रॉय बैरकपुर, कोलकाता कोर्ट में कर्मचारी है। उसे पकड़कर लाना आसान नहीं था। इस पर ही मुकदमे में संगठित अपराध सहित अन्य धारा बढ़ाई गई। पुलिस की तर्क पर कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड स्वीकृत की थी।

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टीम में शामिल कई इंस्पेक्टर विशेष ट्रेनिंग लिए हुए थे। वहीं एक एटीएस से आए थे। उन्हें खुफिया ऑपरेशन की जानकारी थी। उन्होंने गोपनीय ऑपरेशन पर काम किया है। इसका काफी फायदा मिला। माता-पिता ने कहा कि चार साल से बेटियां गिरोह के चंगुल में थीं। उनकी घर वापसी पुलिस करा देगी, यह सोचा नहीं था। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद। कहा कि आगरा पुलिस ने अहम भूमिका निभाई। उनके बिना कुछ नहीं हो सकता था।