Mahakal Mandir- VIP Entry Dispute: VIP दबंगई के खिलाफ कांग्रेस का हल्लाबोल, जांच समिति का गठन- देवास कांड की भी गूंज

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Mahakal Mandir- VIP Entry Dispute: VIP दबंगई के खिलाफ कांग्रेस का हल्लाबोल, जांच समिति का गठन- देवास कांड की भी गूंज

Mahakal Mandir VIP Entry Dispute: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भाजपा विधायक गोलू शुक्ला और उनके बेटे रुद्राक्ष शुक्ला के कथित दबाव में नियम तोड़कर गर्भगृह में प्रवेश, मंदिर कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार, लाइव प्रसारण रुकवाने और प्रशासनिक चुप्पी पर प्रदेशभर में नाराज़गी फैल गई है। VIP दबंगई के खिलाफ आज कांग्रेस का हल्लाबोल प्रदर्शन है। इस संबंध में महाकाल प्रशासन ने एक जांच समिति का गठन किया है। महाकाल मंदिर जैसे ही एक पुराने मामले में देवास कांड की भी गूंज हो रही है।

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*भूमिका:*

Mahakal Mandir- VIP Entry Dispute: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भाजपा विधायक गोलू शुक्ला और उनके बेटे रुद्राक्ष शुक्ला के कथित दबाव में नियम तोड़कर गर्भगृह में प्रवेश, मंदिर कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार, लाइव प्रसारण रुकवाने और प्रशासनिक चुप्पी पर प्रदेशभर में नाराज़गी फैल गई है। यह घटना न सिर्फ मंदिर की पवित्रता बल्कि प्रशासनिक निष्पक्षता, VIP संस्कृति, दोहरे मापदंड और नेताओं के दबाव पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। इसी माहौल में आज कांग्रेस पार्टी महाकाल मंदिर प्रशासक कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन कर रही है। यह पूरा मामला पहले देवास के चामुंडा देवी मंदिर में हुई ऐसी ही दबंगई के कनेक्शन के साथ सामाजिक, राजनीतिक और अनुशासनिक प्रतिमानों की गहराई से पड़ताल का विषय बन गया है—जिसमें प्रशासन की आखिरी कार्रवाई से लेकर जनता के सब्र तक सबकी परीक्षा हो रही है।

*पूरा घटना क्रम*  

Mahakal Mandir- VIP Entry Dispute: सावन के दूसरे सोमवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में जबरदस्त भीड़ के बीच इंदौर के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला अपने बेटे रुद्राक्ष और परिवार के साथ मंदिर पहुंचे। मंदिर समिति के स्पष्ट नियमों के बावजूद बताया गया है कि विधायक पुत्र ने मंदिर कर्मचारी आशीष दुबे को धक्का दिया और VIP दबाव दिखाते हुए जबरन गर्भगृह में 5 मिनट तक पूजा की। इस दौरान पुजारियों व कर्मचारियों के विरोध के बावजूद उन्हें रोका नहीं जा सका। इसी दौरान भस्म आरती का लाइव प्रसारण भी बंद करवा दिया गया, जिससे प्रभाव और दबाव दोनों की चर्चा और गहरा गई।

*1-देवास का मामला:* 

Mahakal Mandir- VIP Entry Dispute: कुछ माह पहले रुद्राक्ष शुक्ला का नाम देवास के चामुंडा देवी मंदिर में भी सामने आया था, जहां उन्होंने और साथियों ने रात में पट जबरन खुलवाए, पुजारी से विवाद और दबाव बनाया। उस केस में भी FIR दर्ज हुई, लेकिन माना जा सकता है कि राजनीतिक दबाव के कारण मामला शांत हो गया था।

*2-मंदिर प्रशासन और जांच:*

उज्जैन घटना के बाद मंदिर समिति ने त्वरित संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। समिति के सामने CCTV फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और प्रसारण बंद कराने के कारणों की जांच की जिम्मेदारी है। जांच रिपोर्ट 7 दिन में सौंपी जानी है।

*3-कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन:* 

अब इसी मामले में आज 23 जुलाई को शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मुकेश भाटी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता महाकाल मंदिर प्रशासक कार्यालय का घेराव कर रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि आम श्रद्धालु नियम तोड़े तो जेल, नेताओं और VIP के लिए प्रशासन चुप रहता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल हैं और VIP संस्कृति, दोहरे मापदंड और धार्मिक स्थलों की गरिमा के लिए सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

*_4-राजनीतिक और सामाजिक असर:_* 

यह मामला केवल धार्मिक मर्यादा या आस्था से नहीं, बल्कि कानून के राज, निष्पक्षता और जनता के विश्वास की बड़ी चुनौती बन चुका है। सोशल मीडिया व जनमानस में VIP रसूख के खिलाफ असंतोष है। कांग्रेस के साथ अन्य सामाजिक संगठन भी इस मुद्दे को लेकर मुखर हैं।

 *5-विधायक पक्ष और ताजा स्थिति:*  

विधायक गोलू शुक्ला ने खुद पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया, लेकिन वायरल वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान विरोधाभासी हैं। मंदिर प्रशासन, पुजारी वर्ग और आमजन अब जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

*अपनी बात*

महाकाल मंदिर विवाद प्रशासन, राजनीति और समाज के लिए बड़े सवाल छोड़ गया है- क्या धार्मिक प्रतिष्ठानों में भी VIP संस्कृति और रसूख के आगे नियम-व्यवस्था कमजोर पड़ जाएगी? सात दिन में आने वाली जांच समिति रिपोर्ट और विरोध प्रदर्शनों का असर क्या होगा, पूरे प्रदेश की निगाह इसी पर टिकी है। यह मामला इसलिए भी गंभीर कहा जा सकता है कि यह उज्जैन से जुड़ा हुआ मामला है जो मुख्यमंत्री का क्षेत्र है।

फिलहाल उज्जैन की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक एक ही सवाल गूंज रहा है- आस्था, नियम और सम्मान में अबकी बार जीत किसकी होगी…?