
Adventure Tarzan: हेमंत बिर्जे की इंडस्ट्री में एंट्री और पहली फिल्म की कहानी
Mumbai: “मैं तुम्हारे बड़े भाई जैसा हूं। कोई भी दिक्कत हो तो मुझे बताना।” हेमंत बिर्जे से ये बात मिथुन दा कहा करते थे। ये उस दौर की बात है जब मिथुन दा इकलौते थे जो हेमंत बिर्जे से अच्छा बर्ताव करते थे। मिथुन दा व हेमंत बिर्जे ने साथ में कई फ़िल्मों में काम भी किया था। 
आज हेमंत बिर्जे की कहानी जानिए साथियों। क्योंकि आज हेमंत बिर्जे जी का जन्मदिन है। साल 1965 की 19 अगस्त को हेमंत बिर्जे जन्मे थे। हेमंत बिर्जे कहते हैं कि धर्मेंद्र ने साथ काम करने से मना कर दिया। गोविंदा इनकी पर्सनैलिटी देखकर इनसिक्योर हो गए। लेकिन मिथुन दा ने छोटे भाई जैसा बर्ताव किया। मिथुन दा ने हमेशा इनका सपोर्ट किया।
चलिए हेमंत बिर्जे की कहानी शुरुआत से जानते हैं। हेमंत पूना में जन्मे थे। हेमंत जब छोटे थे तो बहुत दुबले-पतले थे। उम्र बढ़ने के साथ इनकी लंबाई ज़रूर बढ़ी, लेकिन थे ये एकदम कमज़ोर से। इत्तेफाक से इनके पिता काफी कसरत वगैरह किया करते थे। पिता इन्हें भी कसरत करने के लिए प्रेरित किया। और यूं हेमंत बिर्जे की बॉडी बिल्डिंग की जर्नी शुरू हुई। कुछ ही सालों में दुबला पतला सा दिखने वाला हेमंत बिर्जे नाम का वो लड़का विभिन्न बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगा। एक दिन हेमंत बिर्जे को पता चला कि पुणे के ही डेक्कन कॉलेज में किसी फिल्म की शूटिंग चल रही है। हेमंत बिर्जे शूटिंग देखने गए तो पता चला कि शूटिंग करने देव आनंद आए हुए थे।

देव साहब अपनी फिल्म हम नौजवान की शूटिंग कर रहे थे। उस समय हेमंत बिर्जे की पर्सनैलिटी बहुत ज़बरदस्त हो चुकी थी। कद-काठी तो इनकी बेहतरीन थी ही। कसरत करके हेमंत ने अपना शरीर भी बहुत गठीला और सुडौल बना लिया था। भीड़ में खड़े हेमंत बिर्जे जब शूटिंग देख रहे थे तो हम नौजवान फिल्म के क्र्यू मेंबर्स हेमंत को ही देख रहे थे। शूटिंग देखने आई भीड़ में कुछ हेमंत के सीनियर्स भी थे। उन सीनियर्स ने मज़ाक-मज़ाक में देव साहब से कहा कि इस लड़के को भी हीरो बनाईए ना।
देव साहब हेमंत के पास आए और उन्होंने मज़ाक में कहा कि इसको हीरो बनने की क्या ज़रूरत है। ये तो हीरो जैसा दिखता ही है। खैर, देव साहब अपनी शूटिंग कंप्लीट करके वहां से चले गए। कुछ दिन बाद पुणे में ही शत्रुघ्न सिन्हा और हेमा जी भी अपनी किसी फिल्म की शूटिंग करने आए। हेमंत बिर्जे वो शूटिंग देखने भी पहुंचे। शत्रु जी ने भी जब हेमंत को देखा तो वो भी इनकी पर्सनैलिटी से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने हेमंत से कहा कि तुम्हें तो मुंबई जाकर हीरो बनने की कोशिश करनी चाहिए।
फिर आया होली का त्यौहार। हेमंत बिर्जे अपने कुछ दोस्तों संग होली खेलकर आराम ही कर रहे थे कि एक टैक्सी इनके घर के पास आकर रुकी। उसमें से कुछ आदमी निकले। उन आदमियों ने हेमंत बिर्जे के बारे में पूछताछ शुरू की तो हेमंत खुद उनके पास आ गए और कहा कि मैं ही हेमंत बिर्जे हूं। उन आदमियों इनसे कहा कि एक फिल्म बन रही है टार्जन नाम से। और आपको उसके लिए मुंबई चलना है। आप उसमें हीरो होंगे। चूंकि हेमंत भी होली के रंगों में पूरी तरह सरोबार थे तो इन्होंने उन आदमियों से कहा कि ऐसी हालत में कैसे जा सकू्ंगा। उन्होंने हेमंत से दो घंटे में रेडी होने को कहा।

नहा-धोकर हेमंत उन आदमियों संग मुंबई के लिए निकल लिए। वो लोग हेमंत को ज्योति स्टूडियो ले आए। वहां आकर हेमंत ने देखा कि वहां तो और भी कई बॉडी बिल्डर्स मौजूद हैं। उनमें से कुछ बॉडी बिल्डर्स को हेमंत पहचानते थे। हेमंत को लगा कि शायद उनका काम इस फिल्म में नहीं बन सकेगा। यहां तो पहले ही इतने बड़े-बड़े और सीनियर बॉडी बिल्डर मौजूद हैं। वो सभी बॉडी बिल्डर्स रात को वहां टार्जन की हाउलिंग की प्रैक्टिस कर रहे थे। लेकिन हेमंत को वो सब करने में उस वक्त बहुत शर्म आ रही थी। इसलिए वो चुपचाप एक कोने में बैठे बाकी सभी पहलवानों को देखते रहे।
अगले दिन सभी पहलवानों को डायरेक्टर बी.सुभाष के ऑफिस ले जाया गया। बी.सुभाष को उनमें से किसी एक को चुनना था। उन्होंने सभी पहलवानों को बारी-बारी से देखा। और फिर उन्होंने हेमंत बिर्जे को आगे आने को कहा। हेमंत आगे आए तो उन्होंने हेमंत से उनकी शर्ट उतरवाई। और फिर बहुत बारीकी से उनकी बॉडी को निहारने के बी.सुभाष अपने असिस्टेंट के साथ कुछ देर तक बड़ी धीमी आवाज़ में कुछ बात करते रह। वो बात खत्म होने के बाद उन्होंने हेमंत से कहा कि आप हमारी फिल्म टार्जन के लिए सिलेक्ट हो चुके हो। उन्होंने फौरन 1500 रुपए साइनिंग अमाउंट के तौर पर हेमंत बिर्जे को दिए।
इस तरह हेमंत बिर्जे को उनकी पहली फिल्म एडवेंचर ऑफ टार्जन मिल गई, जो साल 1985 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म सुपरहिट रही। हेमंत की किस्मत ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। लेकिन स्टारडम के साथ उन्हें मिली फिल्मी दुनिया के कुछ स्टार्स की ईर्ष्या और जलन भी। एक इंटरव्यू में हेमंत बिर्जे ने बताया था कि टार्जन की ज़बरदस्त सफलता के बाद हेमंत बिर्जे के पास फिल्मों के ऑफर्स की बाढ़ आ गई। उन्होंने भी खटा खट खटा खट सौ से अधिक फिल्में साइन कर डाली। लेकिन बाद में आधे से भी ज़्यादा फिल्में उनके हाथ से निकल गई। उस वक्त के कुछ हीरोज़ ने हेमंत बिर्जे संग काम करने से इन्कार कर दिया था।
हेमंत बिर्जे को अन्नु मलिक के भाई अब्बु मलिक ने अपनी फिल्म ज़ोरदार के लिए साइन किया था और 21 हज़ार रुपए पेशगी के तौर पर दे भी दिए थे। लेकिन फिर एक ही हफ्ते बाद अब्बु मलिक हेमंत बिर्जे को फोन पर कहते हैं कि आपको जो एडवांस मैंने दिया है वो आप मुझे मत लौटाइएगा। लेकिन आप ज़ोरदार फिल्म में काम नहीं कर रहे हैं। हेमंत बिर्जे ने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि फिल्म का एक एक्टर आपके साथ काम नहीं करना चाहता। और वो एक बड़ा स्टार है।
जिस वक्त हेमंत बिर्जे ने ज़ोरदार फिल्म साइन की थी उस वक्त गोविंदा और संजय दत्त भी उस फिल्म का हिस्सा थे। लेकिन जब वो फिल्म रिलीज़ हुई तो हेमंत को पता चला कि संजय दत्त भी उस फिल्म में नहीं हैं। सिर्फ गोविंदा रह गए हैं। और आदित्य पंचोली को लिया गया है। बकौल हेमंत, ज़ोरदार जैसा तजुर्बा उन्हें और भी कई फिल्मों में हुआ था। कई फिल्में उनके हाथ से सिर्फ इसलिए निकल गई थी क्योंकि हीरो उनके साथ काम नहीं करना चाहते थे। यानि हीरो हेमंत बिर्जे की प्रज़ेंस से इतना घबरा जाते थे कि वो उन्हें फिल्म से निकलवाने पर ही अड़ जाते थे।
हेमंत बताते हैं कि उस वक्त सिर्फ मिथुन दा ने उनके साथ अच्छी तरह बर्ताव किया था। मिथुन दा हेमंत से कहते थे कि कोई भी दिक्कत हो तो मुझे बताना। मैं तुम्हारे बड़े भाई जैसा ही हूं। हेमंत बिर्जे ने मिथुन दा के साथ लगभग 20 फिल्मों में काम किया था। एक इंटरव्यू में हेमंत बिर्जे ने बातों ही बातों में गोविंदा की तरफ इशारा किया था। यानि वो गोविंदा थे जो हेमंत बिर्जे संग काम नहीं करना चाहते थे। वैसे हेमंत बिर्जे ने गोविंदा संग 1991 की कौन करे कुर्बानी नामक फिल्म में काम किया था। वो फिल्म अर्जुन हिंगोरानी ने बनाई थी। और उसमें धर्मेंद्र जी भी थे।
हेमंत जब शूटिंग के पहले दिन उस फिल्म के सेट पर पहुंचे तो धर्मेंद्र इन्हें देखकर हैरान रह गए। वो अर्जुन हिंगोरानी के पास गए और बोले,”ये किस हीरो को ले आए हो तुम? इसकी तो कद-काठी, बॉडी वगैरह सब अच्छी है। दिखता भी ये अच्छा है। मैं इसके साथ डायलॉग्स नहीं बोलूंगा।” यानि एक वक्त पर धरम जी ने भी हेमंत संग काम करने से मना कर दिया था। पर चूंकि अर्जुन हिंगोरानी और धरम जी बहुत अच्छे दोस्त थे तो अर्जुन हिंगोरानी ने धरम जी को मना लिया। लेकिन चूंकि उस फिल्म में गोविंदा भी थे तो उन्होंने तब हेमंत बिर्जे को लेकर कई नखरे दिखाए थे। हालांकि जैसे-तैसे वो फिल्म पूरी हो ही गई थी।
साभार- kissa TV





