भोपाल :प्रदेश में अपराधियों को मजबूत विवेचना और अभियोजन के जरिए सजा दिलाने के लिए अब अभियोजन विभाग में विशेषज्ञों की टीम बनाई जाएगी। इसमें हर कानून के विशेषज्ञों से संबंधित अपराधों को लेकर सैकेंड ओपिनियन ली जाएगी। विशेषज्ञों की ओपिनियन के बाद ही चिन्हित, जघन्य सहित अन्य चर्चित मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी। दरअसल यह पूरी कवायद इसलिए हो रही है कि संगीन अपराधों में अपराधियों को हर हाल में सजा मिल सके साथ ही प्रदेश में सजा का प्रतिशत बढ़ सके।
बताया जाता है कि स्पेशल डीजी लोक अभियोजन अन्वेष मंगलम ने अपने विभाग के हर जिले से ऐसे अभियोजन अधिकारियों की जानकारी तलब की है है। जो किसी न किसी एक्ट के एक्सपर्ट माने जाते हैं। यह इसलिए किया जा रहा है कि प्रदेश के चिन्हित और जघन्य सहित अन्य मामलों में अभियोजन अधिकारी सैकेंड ओपिनियन ले सके।
फिलहाल हर जिले से पॉक्सो, एससीएसटी, आर्थिक अपराध, फॉरेस्ट, आबकारी, सायबर लॉ और आयुध अधिनियम के विशेषज्ञों की जानकारी तलब की है। इसमें सभी जिलों से इन अभियोजन अधिकारी का पदनाम, पदस्थापना किस जिले में हैं, उनका अनुभव कितने वर्षो का हो चुका है और वे किस एक्ट के विशेषज्ञ हैं यह जानकारी सभी जिलों के लोक अभियोजन अधिकारियों से मांगी गई है।
*पॉक्सों के मामलों पर विशेष फोकस-*
पॉक्सों एक्ट के तहत दर्ज होने वाले अपराधों को लेकर सरकार आरोपियों को हर हाल में सजा दिलाने के प्रयास में हैं। इस तरह के जघन्य मामलों में कई बार अभियोजन बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है, जिसके चलते आरोपी बरी हो जाता है। अब इस तरह के मामले एक्सपर्ट से सैकेंड ओपिनियन के बाद ही कोर्ट में जाएंगे, ताकि अधिकांश मामलों में आरोपियों को सजा मिल सके। वहीं सायबर एक्ट के तहत सजा का प्रतिशत कम है, इसे भी एक्स्पर्ट से सैकेंड ओपिनियन लेकर सजा का प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास होगा।