उत्तर भारत में भारी बारिश का कहर: बाढ़, भूस्खलन और प्रधानमंत्री का पंजाब दौरा

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उत्तर भारत में भारी बारिश का कहर: बाढ़, भूस्खलन और प्रधानमंत्री का पंजाब दौरा

 

नईदिल्ली। उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, जबकि मौसम विभाग के लगातार जारी अलर्ट सच साबित हो रहे हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार समेत कई राज्यों में इस बारिश ने संकट पैदा कर दिया है।

 

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 7 सितंबर को मौसम में अलगाव रहेगा। जहां हिमाचल के कई जिलों में बारिश से राहत मिलेगी, वहीं नैनीताल व चंपावत जैसे क्षेत्र भूस्खलन की चेतावनी जारी है। राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही और उदयपुर जिलों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है।

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पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। संभव है पहले वे गुरदासपुर जाएं, जहां रावी नदी का पानी कहर बरपा रहा है। इसके अतिरिक्त अमृतसर और तरनतारन के इलाकों का भी हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं। पंजाब सरकार को दौरे का आधिकारिक विवरण अभी नहीं मिला है, लेकिन राज्य के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है।

 

लुधियाना में सतलुज नदी का पानी तटबंध तोड़कर कई खेतों में पहुँच गया है, जिससे 12 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिला प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की है।

राजस्थान में भारी बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-162 का आधा किलोमीटर भाग बह गया है, जिससे यातायात बाधित है। जयपुर में एक जर्जर चार मंजिला इमारत का हिस्सा गिरने से पिता-पुत्री की मौत हो गई, जबकि कोटा में आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की जान गई है।

हरियाणा में भारी बारिश से लगभग 10 लाख एकड़ फसलें डूब चुकी हैं। 1.7 लाख से अधिक किसानों ने फसल नुकसान की जानकारी ई-क्षति पोर्टल पर दर्ज कराई है। यमुना नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि टांगरी और घग्गर नदियों में जल स्तर कम हुआ है।

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर से नीचे आ गया है, लेकिन खतरे के निशान 205.33 मीटर से अभी भी ऊपर है। करीब 20,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जहां साफ-सफाई, भोजन, दवा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करना चुनौती बना हुआ है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से हुए नुकसान में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मलबे से चार शव बरामद हुए हैं।

बारिश और बाढ़ की स्थिति लगातार बनी हुई है और सरकारी तंत्र पूरी तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य कर रहा है। जनता को और भी सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।