त्वरित कार्यवाही बढ़िया है, पर बेचैनी व्यर्थ नहीं जाए…

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त्वरित कार्यवाही बढ़िया है, पर बेचैनी व्यर्थ नहीं जाए…

कौशल किशोर चतुर्वेदी 

देश की स्वछतम शहर इंदौर में हुई सड़क दुर्घटना लापरवाही और तंत्र में गड़बड़ी की कहानी बयां कर रही है। 15 सितंबर 2025 की रात की यह घटना स्तब्ध करने वाली है। भरी भीड़ वाली शहर की सड़क पर यमराज बनकर आए ट्रक ने कुचलकर तीन लोगों को मौत की नींद सुला दिया और कई लोगों को गंभीर घायल कर इंदौर की पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 16 सितंबर 2025 को अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर इंदौर पहुंचे और सख्त कार्रवाई भी की। उन्होंने कहा कि यह घटना विचलित करने वाली बेहद दु:खद है। मैं इस घटना से स्वयं व्यथित हूं। मुझे रातभर बैचेनी रही, मैं ठीक से सो भी नहीं पाया। आज के सारे कार्यक्रम रद्द कर सीधे इंदौर पहुँचा और घायलों से मिलने विभिन्न अस्पतालों में गया। उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। चिकित्सकों से चर्चा कर उन्हें उपलब्ध कराई जा रही उपचार व्यवस्थाओं को भी देखा। घायलों का बेहतर से बेहतर इलाज कराने के निर्देश दिए। घायलों के इलाज में कोई कमीं नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार घटना को लेकर अत्यंत गंभीर है। घटना की पुनरावृति नहीं हो, इसके लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। घटना की जांच अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा कराई जा रही है। जांच के आधार पर आगे और भी कार्रवाई की जाएगी। सख्त कार्रवाई में यह बात भी अच्छी रही कि मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के दौरान बचाव कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। यह भी अच्छी बात है कि मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये तथा घायलों को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। घायलों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

यह भी बढ़िया है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की है। पुलिस उपायुक्त यातयात अरविन्द तिवारी को हटाकर पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच करने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर आठ पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। इनमें सहायक पुलिस आयुक्त सुदेश सिंह, प्रभारी एएसआई बिजासन प्रभारी प्रेम सिंह, प्रभारी सूबेदार सुपर कोरिडोर चौराहा प्रभारी चन्द्रेश मरावी, निरीक्षक सुपर कोरिडोर से एरोड्रम प्रभारी दीपक यादव तथा ड्यूटी पर तैनात सभी चार कांस्टेबल निलंबित किए गए हैं। वहीं कांस्टेबल पंकज यादव और आटो रिक्शा चालक अनिल पिता लाल सिंह कोठारी सहित अन्य को पीड़ितों को समय पर अस्पताल पहुँचाने जैसा अच्छा काम करने के लिये सम्मानित किया जायेगा।

इंदौर में जब मुख्यमंत्री पुलिस प्रशासन और जिले के अफसरों की मीटिंग लेने के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे तब पत्रकारों ने पुलिस में भ्रष्टाचार की तरफ उनका ध्यान आकर्षित किया था। और मूल वजह भी कहीं न कहीं तंत्र में व्याप्त गड़बड़ियों के इर्द-गिर्द केंद्रित है। इसी वजह से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बेचैनी हुई है। डॉ मोहन यादव की बचैनी को सकारात्मक नजरिए से लेते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि ऐसी लापरवाही के चलते घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी। और तंत्र में व्याप्त गड़बड़ियों का खात्मा होकर रहेगा। ताकि डॉ. मोहन यादव की बेचैनी व्यर्थ न जा सके। बाकी त्वरित सख्त कार्यवाही बढ़िया है और यातायात समस्याओं का समग्र निराकरण की सोच भी संवेदनशीलता से भरी है। और भरोसा है कि बेचैनी का दीर्घकालिक असर कसौटी पर खरा उतरेगा…।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।