
अफ़्रीका का नैसर्गिक सौंदर्य
– एन के त्रिपाठी
जिस प्रकार सभी नारियों में अपनी मौलिक सुंदरता होती है, उसी प्रकार हमारे इस भूमंडल के प्रत्येक स्थानों की अपनी विशेष सुंदरता होती है। विश्व के अनेक महाद्वीपों के अनेक क्षेत्रों का भ्रमण करने के पश्चात भी मेरे मन में अपने देश और संसार के विभिन्न क्षेत्रों की सुंदरता देखने की लालसा बनी रहती है।

अभी कुछ ही दिनों पहले मैं अफ़्रीका के एक देश केन्या के जंगलों और झीलों का भ्रमण कराने गया था। वहाँ से लौटने के उपरांत भी वहाँ के दृश्य अभी भी मस्तिष्क पटल पर घूम रहे हैं। अफ़्रीका एशिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। अफ़्रीका अनेक आश्चर्यजनक विविधताओं से परिपूर्ण है।


यहाँ पर विश्व का सबसे बड़ा सहारा मरुस्थल है। इसके विपरीत मध्यवर्ती कांगो में घने वर्षा-वन विद्यमान हैं।मरुस्थल और घने जंगलों के बीच में विशाल खुले सवाना के घास मैदान हैं, जहाँ संसार के सर्वाधिक जंगली जानवर दिखाई देते हैं। नील जैसी विश्व की एक बड़ी नदी, केलिमंज़ारों के हिमाच्छादित पर्वत तथा विक्टोरिया जैसी बड़ी झील यहाँ की विविधता को उजागर करते हैं। मुझे अफ़्रीका के उत्तरी छोर पर स्थित मिस्र के पिरामिड तथा दक्षिणी छोर के समुद्र के मोड़ पर स्थित केप ऑफ गुड होप देखने का सौभाग्य मिल चुका है।

केन्या के जंगलों में पाए जाने वाले हाथी और शेरों से लेकर सभी छोटी-बड़ी चिड़ियों तक को मैंने वहाँ देखा और उनके बहुत चित्र लिए, जिनके कुछ चित्र विवरण सहित मैं प्रस्तुत कर चुका हूँ। जानवरों के अतिरिक्त वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता ने मेरा ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया।

मसाइ मारा के अभयारण्य में हल्की ऊँची नीची ज़मीन के बीच दूर-दूर तक खुले सवाना मैदानों को देखना बहुत मनोरम था। बीच बीच में बलेनाइट के छतरीनुमा एकाकी वृक्ष अपनी उपस्थिति का अनुभव करा रहे थे। सूर्यास्त से कुछ ही क्षण पहले मैंने सूरज का चित्र लिया। नकूरू झील के जंगलों में झरने का दृश्य दिखा। यहाँ पर एकेसिया के सुंदर पेड़ थे। चिड़ियों में गिनी फ़ाउल, सेक्रेटरी बर्ड, ईजीपशियन गीज़, नीलकंठ जैसा लीलॉर्क क्रेस्टेड रोलर, स्टर्लिंग, कौवे जैसा पाई, मराबू स्टोर्क, कारमोरेंट, हेरन् और फ्लेमिंगो जैसी चिड़ियों को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।







