
जब तक बंकर हैं, तब तक शांति के क्षेत्र में कंकर हैं…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर यात्रा के बाद ऐसा लग रहा था कि अब शांति की तरफ मणिपुर की यात्रा शुरू हो चुकी है। लेकिन एक सप्ताह में ही असम राइफल्स पर आतंकी हमले ने यह जता दिया है कि शांति की राह बहुत आसानी से मुमकिन नहीं है।
यह उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री मोदी की मणिपुर यात्रा ने राज्य में बदलते हालात दिखाए हैं, जहां कुकी और मैतेई समुदायों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं विश्वास बढ़ा रही हैं। कुकी समुदाय के एक व्यक्ति ने कहा था, ‘बंकर अभी भी हैं, लेकिन हम सामान्य जिंदगी में लौट चुके हैं। हम शांति चाहते हैं…संघर्ष खत्म हो गया है।’ यानी राज्य में विकास और स्थिर राजनीतिक प्रक्रिया के फिर से शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है। पर संभावनाओं को असम राइफल्स पर हुए हमले ने आइना दिखा दिया है। यह माना जा सकता है कि मणिपुर में बंकर अभी भी हैं और शांति बड़ी आसानी से मुमकिन होने की संभावना नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इम्फाल हवाई अड्डे पर उतरे थे, तो भारी बारिश के कारण हेलिकॉप्टर से चुराचांदपुर जाना संभव नहीं था। फिर वह सड़क मार्ग से वहां गए। कुछ महीने पहले जो हालात थे, उसमें सड़क मार्ग से वहां जाने की कल्पना नहीं की जा सकती थी। पर एक सप्ताह में ही यह सामने आ गया है कि प्रधानमंत्री की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई यात्रा ने ही सब कुछ शांति के साथ संभव किया था।
चुराचंदपुर कुकी बहुल इलाका है। इम्फाल और आसपास के क्षेत्रों में मैतेई ज्यादा हैं। प्रधानमंत्री के दोनों क्षेत्रों में जाने और विकास परियोजनाएं शुरू करने का संदेश यही था कि सरकार के लिए दोनों समुदाय समान हैं। चुराचंदपुर में ही 3 मई 2023 को सबसे पहले सामुदायिक हिंसा भड़की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर की स्थिति पर कहा था कि मैं आपसे वादा करता हूं, मैं आपके साथ हूं। भारत सरकार आपके साथ है। पीएम ने कहा था कि मणिपुर में जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया था कि बेघर परिवारों के लिए 7 हजार नए घर बनाए जाएंगे। इसके अलावा 3,000 करोड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया गया है और विस्थापितों की मदद के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है।
पर मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में 19 सितंबर 2025 को देर शाम हथियारबंद लोगों ने असम राइफल्स के वाहन पर हमला कर दिया। इसमें दो जवान शहीद हो गए और 2 अन्य घायल हो गए। यह घटना नांबोल सबल लेइकाई इलाके में शाम करीब 6 बजे हुई। मणिपुर में शांति बहाली की कोशिश के बीच बिष्णुपुर जिले में हुई इस बड़ी घटना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर में शांति बहाली की मंशा पर सवालिया निशान लगाया है। असम राइफल्स के जवान इंफाल से बिष्णुपुर की ओर जा रहे थे। तभी नांबोल सबल लेइकाई इलाके में उन पर हमला हुआ। व्यस्त सड़क पर जवानों के वाहन पर हमला करने के बाद आतंकवादी एक सफेद वैन में सवार होकर भाग निकले। जवानों ने संयम बरतते हुए जवाबी कार्रवाई की ताकि कोई नागरिक हताहत न हो। सुरक्षा बल ने हमले के पीछे छिपे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
हिंदी में भाजपा का नारा है कि मोदी हैं तो मुमकिन हैं। मणिपुर दौरे में मोदी ने अपनी विशिष्ट शैली में कहा था, मणिपुर का एक नया नाम रत्नों की भूमि है। इसमें मैतेई और कुकी लोगों के लिए एक सार्वभौमिक अपील थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आशा और विश्वास की एक नई सुबह उभर रही है। मोदी ने यह भी कहा था कि मैं आपके संघर्षों को अच्छी तरह जानता हूं… मैं वादा करता हूं… मैं आपके साथ हूं। इसका मतलब दोनों पक्षों कुकी और मैतेई दोनों से था। नमो ने कहा था कि मणिपुर के नाम में मणि (रत्न) है। यही वह मणि है जो भविष्य में पूरे पूर्वोत्तर को चमकाएगा।
तो यही कहा जा सकता है कि मणिपुर में शांति की वापसी के लिए अभी धैर्य की कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। मणि पूरे पूर्वोत्तर को चमकाएगी, पर कब यह अभी नहीं कहा जा सकता। एक नई सुबह होने में अभी समय बाकी है… खासतौर से जब तक बंकर हैं, तब तक शांति के क्षेत्र में कंकर भी हैं…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





