हितकारी है गरीबों को यह लाभ का वितरण … खुशियां बांटता है यह सिंगल क्लिक …

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प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किया जाएगा। सिंगल क्लिक के माध्यम से यह राशि वितरित की जाएगी। हाल ही में ओला-पाला पीड़ितों को सिंगल क्लिक के जरिए करोडों का मुआवजा वितरित किया गया था। उससे पहले फसल बीमा योजना की राशि सिंगल क्लिक से वितरित हुई थी। यह सिंगल क्लिक गरीबों, किसानों सभी को खुशियां बांटने का पर्याय बनता जा रहा है। गरीबों के लिए लाभ का इस तरह से वितरण वास्तव में हितकारी है।
राजधानी का कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र भी गरीबों, किसानों और अलग-अलग हितग्राहियों को वितरित होने वाली इस करोडों की राशि का प्रत्यक्षदर्शी बनकर खुशी का अहसास करता होगा। 23 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंगल क्लिक के माध्यम से 26 हजार 500 आवास हितग्राहियों को 250 करोड़ रूपये की किश्त अंतरित करेंगे। साथ ही 50 हजार नवीन आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश एवं 30 हजार नवीन स्वीकृत आवासों का वर्चुअल भूमि-पूजन करेंगे। वह हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे।
यदि कुशाभाऊ ठाकरे कहीं से भी ऐसे आयोजन का दीदार करते होंगे, तो थोड़ी सी राहत तो वह भी महसूस करते होंगे। यदि उन्हें जानकारी दी जाए कि प्रदेश में कुल 8 लाख 68 हजार आवास प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में स्वीकृत हैं। अभी तक 4 लाख 72 हजार आवासों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत हैं।
कार्यक्रम में एक लाख 6 हजार 500 आवासों के हितग्राही लाभन्वित होंगे, जिनके आवासों की कुल लागत 4100 करोड़ रूपये है। आवास की अनुमानित लागत प्रति आवास 3 लाख 85 हजार रूपये है। इसमें डेढ़ लाख रूपये केन्द्र सरकार और एक लाख रूपये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके बाद भी गरीब परिवार को एक लाख 35 हजार रुपए की राशि जुटानी पड़ती है, जिसे जुटाना उनके लिए बड़ी चुनौती से पार पाने जैसा रहता है। फिर भी अंत भला सो सब भला…की तर्ज पर पक्का मकान चेहरे पर मुस्कान लाता ही है।
इसी तरह सिंगल क्लिक के जरिए दूसरी योजनाओं की राशि जब हितग्राहियों के खाते में पहुंचती है, तब वह राहत की सांस लेते हैं। यह बात और है कि फसल बीमा योजना या मुआवजे जैसे सिंगल क्लिक कई हितग्राहियों को मायूस भी करते होंगे। पर घर बैठे राशि मिलने से उस झंझट से तो छुटकारा मिलता ही है, जब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काटकर चप्पलें घिस जाती थीं। और भ्रष्टाचार आगे-आगे दौड़कर मुंह चिढ़ाते हुए खींसें निपोरता था।
ऐसे में एकमुश्त राशि खाते में पहुंचना किसी सपने के सच होने जैसा ही है। उसके बाद चुनिंदा हितग्राहियों से ही सही मुख्यमंत्री का वर्चुअल संवाद और हालचाल पूछना निश्चित तौर पर नौकरशाही को यह संदेश तो देता ही है कि गड़बड़ की, तो गड़बड़ होने का खतरा भी हो सकता है। वैसे अब जमाना सिंगल क्लिक का ही है। सिंगल क्लिक तुम्हारा दायरा हर दिन दूना रात चौगुना बढ़ता रहे और गरीबों का चेहरा खुशियों से खिलता रहे।