
IPS Shivanshu Rajpoot: “मैं खुद घरेलू हिंसा का शिकार”: पत्नी द्वारा दहेज उत्पीड़न का केस लगाने पर अधिकारी ने कहा- सारे आरोप झूठे, साबित हुए तो दूंगा इस्तीफ़ा!
नोएडा/बेंगलुरु: कर्नाटक कैडर के 2019 बैच के IPS अधिकारी शिवांशु राजपूत इन दिनों सुर्खियों में हैं। नोएडा की एक डॉक्टर ने अपने IPS पति और उनके परिवार के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और धमकी के गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं अधिकारी ने सभी आरोपों से इंकार करते हुए कहा है कि वे खुद “घरेलू हिंसा के शिकार” हैं और यदि एक भी आरोप सिद्ध हुआ तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
**मामला क्या है**
शिकायत के अनुसार, डॉक्टर पत्नी ने नोएडा के सेक्टर-126 थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि दिसंबर 2021 में दोनों का विवाह आगरा के एक होटल में हुआ था। विवाह में करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन इसके बाद भी पति पक्ष ने महंगे उपहार और दहेज की अतिरिक्त मांग की। आरोप लगाया गया है कि मांग पूरी न करने पर उनके साथ मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की गई, अपमानजनक बातें कही गईं और घर से निकालने की धमकी दी गई।
महिला का यह भी आरोप है कि अधिकारी के कुछ अन्य महिलाओं से संबंध थे, जिसका विरोध करने पर झगड़े और बढ़ गए। एफआईआर में अधिकारी के माता-पिता, भाई-भाभी और दो अन्य रिश्तेदारों को भी नामजद किया गया है।
**अधिकारी का पक्ष**
आईपीएस शिवांशु राजपूत ने मीडिया में दिए अपने बयान में कहा-
“मैं खुद घरेलू हिंसा का शिकार हूँ। मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। यदि एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं पद से इस्तीफा दे दूंगा।”
उन्होंने कहा कि यह मामला उनके व्यक्तिगत जीवन को बदनाम करने और मानसिक दबाव बनाने के उद्देश्य से उभारा गया है। उनका कहना है कि वे न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और पूरी जांच में सहयोग देंगे।
**पुलिस जांच और वर्तमान स्थिति**
नोएडा पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और दोनों पक्षों से बयान लिए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। अधिकारी वर्तमान में कर्नाटक के कोलार जनपद में पदस्थ हैं, लेकिन फिलहाल उन्होंने विभाग को अवगत करा दिया है कि वे किसी भी जांच के लिए उपलब्ध रहेंगे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले में आईपीसी की धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न), 323 (मारपीट), 504 (अपमान) और 506 (धमकी) सहित महिला उत्पीड़न कानूनों के तहत प्रकरण दर्ज हुआ है।
**सामाजिक दृष्टि से संवेदनशील मामला**
यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसमें दोनों पक्ष शिक्षित और प्रतिष्ठित परिवारों से हैं- एक आईपीएस अधिकारी और एक डॉक्टर। सोशल मीडिया पर इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं—कुछ लोग इसे “झूठे मामलों से पुरुषों के उत्पीड़न” के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ इसे “महिलाओं की सुरक्षा और न्याय” के संदर्भ में गंभीर मान रहे हैं।
फिलहाल यह मामला जांच के अधीन है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी, लेकिन इसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा जैसे मामलों में कानूनी संतुलन, पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच कितनी आवश्यक है। अधिकारी का “खुद पीड़ित होने” का दावा इस विवाद को और जटिल बनाता है, और अब सबकी निगाहें पुलिस जांच की दिशा पर टिकी हैं।




