
CM Dr Mohan Yadav ने समाधान ऑनलाइन में सुनी शिकायतें, कहा – सीएम हेल्पलाइन में संवेदनशीलता और गुणवत्तापूर्ण निवारण हो प्राथमिकता
BHOPAL: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को ‘Samadhan Online’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशभर से प्राप्त शिकायतों और आवेदनों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के निवारण में संवेदनशीलता और गंभीरता दोनों जरूरी हैं, ताकि आमजन की समस्याओं का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण समाधान हो सके। उन्होंने चेताया कि शिकायतों के जवाब में डाटा एंट्री स्तर पर होने वाली त्रुटियों को रोकने के लिए अधिकारियों और कर्मियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक शिकायत का समयसीमा में निपटारा सुनिश्चित हो और निवारण ऐसा हो कि आवेदक को वास्तविक राहत मिले। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों को फाइलों में नहीं, मैदानी स्तर पर जाकर कार्य करना चाहिए।

किसानों की सहूलियत पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग से कहा कि सोयाबीन भावांतर भुगतान योजना के तहत खरीदी कार्य की संपूर्ण तैयारी की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य शासन ने पहली बार कोदो-कुटकी की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शुरू की है। इस ऐतिहासिक पहल की व्यवस्थित मॉनिटरिंग के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष से निरंतर संपर्क बनाए रखा जाए।
स्थापना दिवस और जनजातीय गौरव दिवस की तैयारियां
मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी 1 नवम्बर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया जाएगा। इस वर्ष का जिला स्तरीय आयोजन “रोजगार एवं उद्योग वर्ष” की थीम पर आधारित रहेगा। इस अवसर पर एमएसएमई क्षेत्र और महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस गरिमामय रूप से आयोजित किया जाए, ताकि जनजातीय समाज के नायकों के योगदान को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
विकास कार्यों में तेजी और पारदर्शिता पर जोर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वर्षा समाप्त होने के बाद निर्माण एजेंसियाँ और नगरीय निकाय सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्यों को तेजी और गुणवत्ता के साथ पूरा करें। उन्होंने कहा कि सुशासन तभी संभव है जब कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनों मैदानी स्तर पर सक्रिय रहें।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन व्यवस्था में पारदर्शिता सर्वोपरि है और किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
समाधान ऑनलाइन की विस्तृत समीक्षा
कार्यक्रम के दौरान सीएम हेल्पलाइन और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत दी जा रही सेवाओं की विभागवार समीक्षा की गई। इसमें जिन प्रमुख विषयों पर शिकायतें आईं, उनमें शामिल हैं-
—विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए आहार अनुदान सहायता
—मुख्यमंत्री निशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना
—आदिवासी विकास विभाग के विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति
—प्रसूति सहायता योजनान्तर्गत राशि न मिलना
—प्रतिभा योजना, कृषि यंत्रीकरण
—खादी एवं ग्रामोद्योग,
—समेकित छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति न मिलना
—ई-केवाईसी एवं आधार लिंक से जुड़ी तकनीकी समस्याएं
—राशन दुकान में खाद्यान की उपलब्धता तथा भू-अर्जन मुआवजा वितरण से संबंधित शिकायतें।
CM ने इस दौरान विभागवार और जिला स्तर पर उच्च एवं निम्न प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जो विभाग अच्छा काम कर रहे हैं, उनके अनुभव अन्य जिलों में भी साझा किए जाएँ ताकि समग्र प्रशासनिक प्रदर्शन बेहतर हो सके।
झाबुआ से अधिकारियों की वर्चुअल उपस्थिति
कार्यक्रम में झाबुआ जिले से कलेक्टर नेहा मीना, पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान, अपर कलेक्टर सी.एस. सोलंकी, एसडीएम भास्कर गाचले, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. बघेल सहित अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि “समाधान ऑनलाइन केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जनता के साथ सीधे संवाद का माध्यम है। जनता की शिकायतों का संतोषजनक समाधान ही सुशासन की असली पहचान है।”





