
Lokpal की BMW खरीद पर किरण बेदी और अशोक खेमका का तीखा विरोध
New Delhi: देश के लोकपाल कार्यालय द्वारा 7 बीएमडब्ल्यू कारों की खरीद के लिए जारी विज्ञापन पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में अब पूर्व IPS अधिकारी और पुदुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
किरण बेदी ने इस फैसले को ‘स्वदेशी मिशन के खिलाफ’ बताते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की बात करते हैं, तो लोकपाल जैसी संस्था का विदेशी कारों की खरीदारी करना अनुचित है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या भारत में अच्छी गुणवत्ता की कारें नहीं बनतीं?
बेदी ने सुझाव दिया कि लोकपाल को स्वदेशी इलेक्ट्रिक कारों की खरीदारी करनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी बताया कि लोकपाल का कुल बजट 44.32 करोड़ रुपये है, जिसमें से लगभग 5 करोड़ रुपये इन कारों पर खर्च किए जाएंगे, जो बजट का लगभग 10 प्रतिशत है। यह राशि मोटर वाहन के मद में निर्धारित बजट से कहीं अधिक है।
पूर्व IAS अधिकारी अशोक खेमका ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पूछा, “काम बताओ, क्या किया?” यह सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि- लोकपाल को अपनी उपलब्धियों और कार्यों को सार्वजनिक करना चाहिए, बजाय इसके कि वह महंगी कारों की खरीदारी पर ध्यान केंद्रित करें।
इससे पहले, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इस मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा था कि लोकपाल का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए किया गया था, न कि बीएमडब्ल्यू कारों की खरीदारी के लिए।
लोकपाल की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन इस मुद्दे पर बढ़ती आलोचनाओं के बीच लोकपाल को अपनी नीतियों और खर्चों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।





