
कई राज्यों में फैला है डॉ. नवलखे का नकली नोटों का जाल
भोपाल : नकली नोटों के रैकेट का सरगना के तौर पर डॉ. प्रतीक नवलखे का नाम सामने आ रहा है। खंडवा पुलिस की एसआईटी पिछले दो दिनों से इस मामले में पकड़ाए जुबेर अंसारी और उसके साथियों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में यह सामने आया है कि डॉक्टर ने कई राज्यों में नकली नोटों को खपाया है। अब मालेगांव पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।
सूत्रों की मानी जाए तो पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि डॉ. प्रतीक ही नोटों की प्रिंटिंग करवाता था और बाद वह नोट जुबेर अंसारी को दे देता था। जुबेर इन प्रिंटेड नोटों की कटिंग करता था और उसके साथी इसे मार्केट में खपाने का काम करते थे। इस रैकेट में अब तक चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि डॉ. नवलखे अभी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है। नवलखे ने मध्य प्रदेश और महाराष्टÑ के अलावा भी अन्य राज्यों में नकली नोटों को खपाया है, इस पर भी पुलिस अपनी पड़ताल कर रही है।
जेल में हुई थी दोस्ती
पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया है कि डॉ. प्रतीक और जुबेर की दोस्ती खंडवा जेल में हुई थी। दोनों एक ही साथ अलग-अलग मामलोें में बुरहानुपर पुलिस की पकड़ में आए थे। बाद में इन्हें जेल भेज दिया गया था। इस दौरान इन दोनों की दोस्ती जेल में हो गई। यहीं पर इन दोनों ने नकली नोटों का कारोबारा शुरू करने की बात की थी। इसके बाद दोनों जेल से बाहर आए और इस काम में जुट गए।
यह है मामला
नासिक ग्रामीण जिले के मालेगांव थाना पुलिस ने कुछ दिन पहले जुबेर और उसके साथी नजीर अकरम, अयूब अंसारी को नकली नोटों के साथ पकड़ा था। जुबेर के पकड़ाने की खबर पर पेठिया गांव के लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि ये गांव के इमामबाड़े की पहली मंजिल पर रहता है। इस पर पुलिस ने उसके कमरे पर दबिश दी और यहां से 19 लाख 87 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए। जुबेर अंसारी बुरहानुपर का रहने वाला है। इधर खंडवा पुलिस की एक टीम मालेगांव में आरोपियों से पूछताछ करने के लिए गई हुई है। जिसमें डॉ. प्रतीक नवलखे का नाम सामने आया।





