
Kidnapping: 50 लाख की फिरौती हेतु अपहरण के सनसनीखेज मामले में मंदसौर पुलिस की सफलता, 24 घंटे में पुलिस द्वारा मामले का पर्दाफाश
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर । जिले के शामगढ़ में लोकनिर्माण विभाग के एसडीओ कमल जैन के पुत्र हर्षल ( 26 ) के अपहरण कर परिजनों से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगने का सनसनीखेज मामला बुधवार को सामने आया था । इस मामले में पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया है गुरुवार शाम पुलिस कंट्रोल रूम पर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीना ने मिडिया को बताया कि आरोपी स्वयं हर्षल उर्फ़ हनी जैन ने अपने मित्र के साथ मिलकर यह साजिश रची ओर अपने घर परिवार से 50 लाख रुपए की मांग की ।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हशूल राजस्थान के कोटा में कूलर , कूलर जाली , फ्रीज स्टैंड का काम करता है ओर कर्जा अधिक होने से स्वयं ने दोस्तों के साथ मिलकर यह साजिश रची। इस मामले में दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है ।
एस पी ने घटना का संक्षिप्त विवरण देते हुए जानकारी दी कि
13.नवम्बर को कमल जैन निवासी शामगढ जिला मंदसौर को अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनके मोबाईल नंबर पर काल कर उनके पुत्र हर्शल जैन उम्र 26 साल के अपहरण के संबंध में सूचना देकर उनसे 50 लाख रूपये की फिरौती की मांग की गई थी। उक्त घटना पर से थाना शामगढ पर अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया।
मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गरोठ श्रीमती हेमलता कुरील के पर्यवेक्षण में, नरेन्द्र सोलंकी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मल्हारगढ एवं दिनेश प्रजापति अनुविभागीय अधिकारी सीतामउ के संयुक्त नेतृत्व में अपहृत हर्शल जैन के संबंध में पतारसी करने हेतु थाना शामगढ, वायडीनगर, नारायणगढ, मल्हारगढ, सीतामउ की कुल 07 टीमों का गठन कर उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया।
अपहृत हर्शल जैन की जानकारी के संबंध में नरेन्द्र सोलंकी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मल्हारगढ के निर्देशन में पृथक से सायबर सेल के माध्यम से अपहृत की तकनीकी जानकारी मोबाईल नंबर, वाहन एवं फास्ट टैग डिटेल, उसके दोस्तों एवं व्यवसाय के संबंध में अन्य जानकारी को संकलित किया गया।
मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हर्शल जैन के संबंध में प्राप्त समस्त जानकारियों का सूक्ष्मता एवं गहनता से अवलोकन करने पर यह तथ्य ज्ञात हुए कि हर्शल शामगढ का निवासी होकर राजस्थान के कोटा जिले में कूलर की जाली बनाने का कार्य प्रारंभ करने वाला था जिस हेतु उसकी फैक्ट्री निर्माणाधीन अवस्था में थी, इसके साथ ही वह अपने दोस्त के साथ देशी चाय का ठेका दुकान का संचालन भी करता था।
पुलिस की पृथक-पृथक टीमों द्वारा राजस्थान के कोटा, बूंदी, हिंडोली एवं अन्य संभावित जगहों पर दबिश देते यह ज्ञात हुआ कि हर्शल जैन का सबसे अच्छा मित्र गणपत सिंह हर्शल के साथ ही कोटा में रहता है। गणपत की तलाश करते वह अपने निवास स्थान हिंडोली एवं कोटा में होना नहीं पाया गया। तकनीकी जानकारियों के माध्यम से गणपत को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर बताया कि हर्शल द्वारा कर्जे के रूपये चुकाने के लिये उसके तथा उसके मित्र जनरेल सिंह निवासी ग्राम बालोला, तह. हिंडोली जिला बूंदी राजस्थान एवं कुलदीप निवासी ग्राम अमरतिया चौराहा बूंदी राजस्थान जो पास पास के निवासी होकर उनके द्वारा योजना बनाई थी कि हर्शल के अपहरण होने की सूचना उसके घर वालों को दी जाकर उनसे 50 लाख रूपये की डिमांड करेंगे राशि आने पर सभी लोग बाट लेंगें।

इस तरह हर्शल ने अपने सबसे अच्छे दोस्त गणपत सिंह हाडा एवं उसके दोस्तों जनरेल सिंह एवं कुलदीप कहार के साथ मिलकर स्वंय के अपहरण की योजना बनाकर स्वंय के घर वालों से फिरौती की राशि लेकर आपस में बांटने की योजना निर्मित की थी।
पुलिस की टीमों द्वारा अपने सतत् प्रयासों के माध्यम से हर्शल जैन और उसके मित्रों द्वारा रचित अपहरण की झूठी योजना के मामले का पर्दाफाश किया।
गिरफ्तार आरोपी :-
1 हर्षल पिता कमल जैन उम्र 26 वर्ष निवासी शामगढ जिला मंदसौर
2 गणपत सिंह पिता महेन्द्र सिंह हाडा उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम सलमपुर तह. हिंडोली जिला बूंदी राजस्थान
फरार आरोपी :-
1 – जनरेल सिंह पिता सुखविन्दर सिंह निवासी ग्राम बालोला, तह. हिंडोली जिला बूंदी राजस्थान
2 – कुलदीप पिता राजुलाल कहार उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम अमरतिया चौराहा बूंदी राजस्थान
पुलिस कार्यवाही में कमलेश प्रजापति थाना प्रभारी सीतामउ, राजेन्द्र पवार थाना प्रभारीनारायणगढ, अभिषेक बोरासी, थाना प्रभारी शामगढ, मनोज महाजन चौकी चंदवासा, कपिल सौराष्ट्रीय, चौकी प्रभारी मुल्तानपुरा, विनय बुंदेला थाना वायडीनगर, संजय प्रताप सिंह थाना मल्हारगढ, आशीष बैरागी, मुजफ्फर खान, मनीष सायबर सेल मंदसौर, कमलपाल चौकी मुल्तानपुरा, दशरथ मालवीय, धनपाल, हीरा यादव, इरफान थाना शामगढ नरेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह शक्तावत थाना मल्हारगढ का योगदान रहा।





