
Khandwa नकली नोट गिरोह का मास्टर माइंड डॉ प्रतीक नवलखे पकड़ाया: अंतर प्रांतीय⁷ नेटवर्क का खुलासा
Khandwa: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पिछले दो वर्षों से सक्रिय नकली नोटों के अंतर प्रांतीय नेटवर्क का एक बड़ा खुलासा हुआ है। खंडवा पुलिस ने इस नेटवर्क के मास्टर माइंड माने जा रहे बुरहानपुर निवासी डॉ प्रतीक नवलखे को भोपाल से गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ दो और आरोपियों को भी पकड़ा गया है जिनके पास से नकली करेंसी, नोट बनाने का इलेक्ट्रॉनिक सामान और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डॉ नवलखे एक कथित ट्रेवल एजेंसी की आड़ में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों तक फैला नकली नोट नेटवर्क चला रहा था और अब तक करीब चालीस लाख रुपये के नकली नोटों का उपयोग कर चुका था।
▪️मामले की पृष्ठभूमि
खंडवा पुलिस के अनुसार दो नवंबर को जावर थाना क्षेत्र के ग्राम पेठिया में इमामवाड़ा के ऊपर बने कमरे से ₹19.78 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए थे। यह कार्रवाई तब हुई जब महाराष्ट्र के मालेगांव में मौलाना जुबेर अंसारी नकली नोटों के साथ पकड़ा गया और पूछताछ में उसने मास्टर माइंड के रूप में डॉ प्रतीक नवलखे का नाम लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र तारणेकर के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की थी। टीम में उप पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह चौहान और पदमनगर थाना प्रभारी निरीक्षक प्रवीण आर्य सहित विशेषज्ञों को शामिल किया गया।
▪️भोपाल में किराए के घर से दबोचा गया आरोपी
▫️ SIT को 22 नवंबर को सूचना मिली कि डॉ नवलखे भोपाल के बागमुगलिया क्षेत्र में किराए के एक फ्लैट में अपने साथी गोपाल उर्फ राहुल के साथ छिपा हुआ है। टीम ने रविवार तड़के दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान 43 वर्षीय डॉ प्रतीक नवलखे, 35 वर्षीय गोपाल उर्फ राहुल पंवार और 43 वर्षीय दिनेश गोरे के रूप में हुई। पुलिस को वहां से नोट छापने में उपयोग होने वाली सामग्री, लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, ड्रायर मशीन और 500 रुपये के नकली नोटों की नई खेप मिली जिसने पूरे गिरोह के संगठित होने की पुष्टि कर दी।
▪️दो साल में तैयार किए लाखों के नकली नोट, फर्जी खातों से लेनदेन
▫️पुलिस जांच में यह भी उजागर हुआ है कि डॉ नवलखे और मौलाना जुबेर की जान पहचान खंडवा जेल में हुई थी। वहीं दोनों ने रिहाई के बाद नकली नोट तैयार कर उन्हें बाजार में चलाने की योजना बनाई। डॉ नवलखे अलग-अलग जिलों में फर्जी बैंक खातों का उपयोग कर नोटों की सप्लाई और कमाई को संचालित करता था। गिरोह द्वारा एक लाख रुपये के बदले तीन से पांच लाख रुपये तक के नकली नोट उपलब्ध कराए जाते थे। अब तक करीब चालीस लाख रुपये की नकली करेंसी के लेनदेन का हिसाब सामने आया है और पुलिस को आशंका है कि वास्तविक रकम इससे कई गुना अधिक हो सकती है।
▪️संभावित आतंकी लिंक की भी जांच
▫️सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसियां इस बात की भी पुष्टि कर रही हैं कि यह नेटवर्क कहीं किसी बड़े आपराधिक या आतंकी समूह की फंडिंग में तो इस्तेमाल नहीं हो रहा था। नकली नोटों का महाराष्ट्र के महानगरों से लेकर कोलकाता तक पहुंचना इस बात का संकेत है कि नेटवर्क का विस्तार बेहद मजबूत था और इसके तार कई राज्यों में फैले हो सकते हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि नोटों की छपाई किस तकनीक से होती थी और किन-किन स्थानों पर सप्लाई की गई है।
▪️मुख्य आरोपी मौलाना जुबेर को लाने की तैयारी
▫️नकली नोट प्रकरण का मुख्य कड़ी माने जा रहे मौलाना जुबेर फिलहाल नासिक की जेल में है। खंडवा पुलिस की टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर लाने के लिए सोमवार को वहां की अदालत में दस्तावेज पेश कर रही है। अनुमति मिलने पर उसे खंडवा लाकर डॉ नवलखे और अन्य आरोपियों से आमना सामना कराया जाएगा जिससे नेटवर्क के और सदस्यों की पहचान संभव होगी।
▪️पुलिस रिमांड में कई बड़े खुलासों की उम्मीद
▫️खंडवा न्यायालय में आरोपियों को पेश कर पुलिस रिमांड लिया जाएगा। जांच अधिकारियों का कहना है कि रिमांड के दौरान गिरोह की कमाई, सप्लाई चेन, फर्जी बैंक खातों, खरीदी गई संपत्तियों और संभावित विदेशी संपर्कों की भी जांच की जाएगी। खुफिया एजेंसियां भी इस मामले में इनपुट साझा कर रही हैं क्योंकि नकली नोटों का उपयोग कई बार राज्य विरोधी गतिविधियों में भी देखा गया है।





