
JOBAT: टंट्या मामा को अर्पित किए श्रद्धा सुमन, पुण्यतिथि पर किया याद
– प्रमोद जैन
JOBAT : जनजाति विकास मंच (खंड जोबट) ने मंगलवार को जननायक टंट्या मामा की पुण्यतिथि पर जोबट स्थित कॉलेज तिराहे पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदानी जीवन को याद करके आदिवासी समाज के प्रति संकल्प व्यक्त किया। मौके पर बड़ी संख्या में जनजाति समाज के नेता, कार्यकर्ता और अन्य सामाजिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
▫️जनजाति विकास मंच के जिलाध्यक्ष राजेश डुडवे ने कहा कि टंट्या मामा केवल एक आदिवासी योद्धा नहीं थे, बल्कि अंग्रेजी शासन के अत्याचारों के खिलाफ विद्रोह के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि टंट्या मामा ने अंग्रेजों की नीतियों और जमींदारों के शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए ‘रॉबिनहुड’ की तरह गरीबों व दलितों, आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की। उनके साहस और बलिदान ने अंग्रेजों की गुरिल्ला नीतियों को झकझोर दिया।
▫️4 दिसम्बर 1889 को जबलपुर केंद्रीय जेल में फांसी दी गई थी। उस दिन से लेकर आज 130 से अधिक वर्षों के बाद भी उनकी वीरता, उनके निष्ठा व संघर्ष की कहानियां आदिवासी समाज में गूंजती हैं।

▫️कार्यक्रम में मंच के खंड अध्यक्ष शेकु गाडरिया, भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र मंडलोई, लक्ष्मण डावर, जितेंद्र मंडलोई, भूर सिंह पटेल, राजेंद्र डावर सहित कई समाजसेवी व जनजाति कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने मिलकर वादा किया कि आने वाली पीढ़ियों को टंट्या मामा के आदर्श से परिचित कराया जाएगा, ताकि उनकी स्मृति जीवित रहे।
▫️इस अवसर पर जोबट कार्यकर्ताओं ने यह भी प्रस्ताव रखा कि टंट्या मामा से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों की मरम्मत व संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही युवाओं को शिक्षा व रोजगार के अवसर देने, जनजातीय संस्कारों व अस्मिता को बचाए रखने के लिए सशक्त प्रयास करने का प्रण लिया गया।
▫️टंट्या मामा का जीवन सिर्फ इतिहास नहीं- संघर्ष, न्याय और आत्म‑सम्मान की प्रेरणा है। श्रद्धांजलि देने वाले सभी जनजाति समाज व कार्यकर्ताओं ने यह तय किया कि उनकी जयंती के अवसर पर हर साल उनके आदर्शों को नए स्वरूप में पुनर्जीवित कर समाज के लिए काम करेंगे।





