
प्रदेशभर में वाहनों पर 4515 करोड़ का टैक्स और जुर्माना वसूली बकाया, परमिट रोके, फिटनेस,एनओसी भी नहीं
भोपाल: मध्यप्रदेश में परिवहन एवं माल वाहनों तथा अन्य निजी वाहनों पर 4515 करोड़ 28 लाख 86 हजार577 रुपए का टैक्स बाकी है। टैक्स बाकी होंने के कारण इन वाहनों को न तो परमिट जाी किए जा रहे है और न ही इन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र और एनओपी जारी की जा रही है।
मध्यप्रदेश में गैर परिवहन दुपहिया, कार, जीप और वाहनों पर इस वित्तीय वर्ष में 9 करोड़ 3 लाख रुपए का टैक्स लेना बाकी है। इसी तरह यात्री परिवहन में उपयोग किए जाने वाले आॅटो रिक्शा, टैक्सी, बसों पर 1173 करोड़ 23 लाख 50 हजार 486 रुपए का टैक्स चालू वर्ष में बकाया है। प्रदेश के माल वाहन और अन्य वाहनों पर 3332 करोड़ 70 लाख 85 हजार 311 रुपए का टैक्स लेना बाकी है। इस तरह यात्री पविहन वाहनों, गैर यात्री परिवहन वाहनों और माल वाहनों पर 4515 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स वसूली बाकी है।
एक अप्रैल से लेकर अभी तक दुपहिया, कार, जीव सहित अन्य नान ट्रांसपोर्ट वाहनों से 4 लाख 38 हजार 213 रुपए के टैक्स की वसूली की गई है। पविहन वाहनों आटो रिक्शा, टैक्सी बसों से एक अप्रैल से अब तक 3करोड़ 65 लाख 18 हजार 142 रुपए के टैक्स की वसूली की गई है। माल वाहनों से चार करोड़ 79 लाख 51 हजा 111 रुपए का टैक्स वसूला गया है। पविहन आयुक्त ने सभी आटीओ को पुराने बकाया टैक्स वसूली में तेजी लाने के लिए कहा है।
प्रदेशभर में जिन वाहनों पर टैक्स और जुर्माने की राशि वसूल की जाना है ऐसे वाहनों पर फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा। इन वाहनों को बेचने पर इनके स्वामित्व का ट्रांसफर नहीं होगा। वहीं ऐेसे वाहनों को अनापत्ति प्रमाणपत्र भी जारी नहीं किए जाएंगे। इन वाहनों में यदि हाइपोथिकेशन दर्ज करने या निरस्त करने के कार्य भी नहीं किये जाएंगे। ऐसे वाहन परिवहन यानं होंने पर उन्हें किसी भी मार्ग पर वाहन संचालन के लिए परमिट प्रदाय नहीं किया जाएगा। चेकिंग के दौरान ऐसे वाहनों से बकाया कर और जुर्माने की राशि वसूल करने के निर्देश भी आरटीओ को दिए गए है।
प्रदेशभर में बकाया टैक्स, टैक्स चोरी और बिना परमिट वाहन संचालन की कुल 22 शिकायतें परिवहन विभाग के पास पहुंची है। इनमें नियमानुसार जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए गए है।
इन जिलों में सर्वाधिक टैक्स, जुर्माना वसूली बाकी-
भोपाल आरटीओ- 381 करोड़ 75 लाख
ग्वालियर आरटीओ-277 करोड़ 16 लाख
इंदौर आरटीओ-909 करोड़ 43 लाख
जबलपुर आरटीओ-749 क
रोड़ 49 लाख





