छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
Chhatarpur : शादी के दिन ही दूल्हे के एग्जाम का मामला ऐसा फंसा कि वो कुछ कर पाया। अंत में यही तय हुआ कि दूल्हे को मंडप से जाना पड़ा। तीन घंटे तक दुल्हन को दूल्हे का इंतज़ार करना पड़ा (The bride had to wait for the groom for three hours). दूल्हा जब एग्जाम देकर वापस लौटा, तब दोनों की जयमाला और मंडप में सात फेरों की रस्म अदायगी हुई और विदाई हुई।
यह वाकया छतरपुर के कल्याण मंडपम का है, जहां बुंदेलखंड परिवार ने सामूहिक विवाह का आयोजन किया था। यहाँ एक साथ 11 जोड़ों के विवाह हुए। इनमें से एक जोड़ा (रामजी सेन और प्रीति सेन) ऐसा रहा, जिसमें दूल्हे का एग्जाम था। इस कारण दूल्हा रामजी अपनी दुल्हन प्रीति को मंडप में छोड़कर अपना एग्जाम देने चला गया। वहीं दुल्हन स्टेज पर बैठी दूल्हे के लौट आने का इंतज़ार करती रही।
परीक्षा देकर लौटे दूल्हे ने बताया कि आज उसका 10वीं का (सोशल साइंस) का पेपर था और आज ही उसकी शादी भी! दरअसल उसकी शादी पहले तय हो गई थी, जबकि एग्जाम की डेट बाद में आई। वह सुबह से शादी के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में तो शामिल हुआ, पर एग्जाम का समय होने पर वह शादी बीच में छोड़कर चला गया। तब तक दुल्हन प्रीति उसका इंतजार करती रही, 3 घंटे बाद वह जब एग्जाम देकर लौटा, तब कहीं जाकर उसकी शादी की सारी रस्में पूरी हुई।
दूल्हे का कहना था कि आज उसके जीवन के दो एग्जाम हुए। पहला एग्जाम तो वह पढ़ाई करके दे आया! उसका दूसरा जिंदगी का एग्जाम तो अभी शुरू हुआ है, जो जीवन भर चलता रहेगा।