Hindi Gaurav Samman : ‘हिन्दी गौरव’ अलंकरण सम्मान अष्ठाना और अग्निहोत्री को 

डॉ वेदप्रताप वैदिक ने कहा, हिन्दी में हस्ताक्षर करना गर्व की बात

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तुलसी सिलावट ने कहा ‘MP सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई राष्ट्रभाषा हिंदी में कराएगी’

Indore : इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित हिन्दी गौरव अलंकरण समारोह (Hindi pride decoration ceremony) में वरिष्ठ पत्रकार एवं विचारक कृष्णकुमार अष्ठाना एवं वरिष्ठ कथाकार व लेखिका डॉ कृष्णा अग्निहोत्री को मातृभाषा उन्नयन संस्थान की और से हिंदी गौरव अलंकरण से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री तुलसी सिलावट, वरिष्ठ पत्रकार डॉ वेदप्रताप वैदिक और प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी थे।

अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के उपरांत संस्थान द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। कवियों में गीतकार अमित जैन ‘मौलिक’ (जबलपुर), गीतकार धर्मेंद्र सोलंकी (भोपाल), कवि राम भदावर (इटावा), पंकज पंडित (ललितपुर) व अमित शुक्ला को काव्य गौरव अलंकरण एवं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सम्मानित बाल साहित्यकार अवि शर्मा को बाल साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

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प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने कहा कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान की इससे बड़ी और क्या उपलब्धि होगी, जिसमें 20 लाख लोगों के हस्ताक्षर हिंदी में कराए गए और हिंदी प्रेमियों व विद्वानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित कर रहा है। मुख्य अतिथि तुलसी सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई राष्ट्रभाषा हिंदी में कराएगी और इसकी शुरुआत हो गई है और अभी देशभर के हिंदी विद्वान, भाषाविद व विषय विशेषज्ञ हिंदी भाषा में पुस्तकें लिख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इंदौर कला, शिक्षा, संस्कृति, आस्था, विश्वास और स्वच्छता की नगरी है। यहाँ से कोई आह्वान करता है, उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई देती है।

कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार और वर्षों से हिंदी के लिए कार्यरत डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने कहा कि हम अपने हस्ताक्षर मातृभाषा हिंदी में करें। हिंदी हमारी राज भाषा है लेकिन आज वह नौकरानी और अंग्रेज़ी महारानी बनी हुई है, जो काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार हिंदी के गौरव को बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रही है, जो शुभ संकेत है। डॉ. वैदिक ने मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी में हस्ताक्षर कराए जाने वाले अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।

सम्मान के प्रत्युत्तर में अष्ठाना ने कहा कि दुनिया के 134 देशों में हिंदी बोली जा रही या उस पर कुछ न कुछ कार्य हो रहा है। वरिष्ठ कथाकार डॉ कृष्णा अग्निहोत्री ने कहा कि राजभाषा हिंदी में वह ताकत है जो कम और छोटे शब्दों में अपनी बात कहने की क्षमता रखती है, यह विशेषता अन्य किसी भाषा में नहीं है। इस मौके पर हिंदी की सेवा करने वाले मुकेश तिवारी, परवीन निखर, आशा प्रेम माथुर, श्रीमननारायणचारी विराट, चंचल सोनी हिंदी योद्धा सम्मान से सम्मानित किए गए। कार्यक्रम का संचालन अंशुल व्यास ने किया व आभार माना अमित जैन मौलिक ने माना।