
Corrupt Accountant Faces Action : सिविल सर्जन कार्यालय के भ्रष्ट रिश्वतखोर लेखापाल बुचके को 4 वर्ष का कारावास!
Ratlam : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश संजीव कटारे की अदालत ने स्टॉफ नर्स के जीपीएफ खाते से पार्ट फाइनल राशि के भुगतान के बदले 8 हजार रुपए की रिश्वत लेने मामले में आरोपी तत्कालीन लेखापाल पुरषोत्तम बुचके को 4 वर्ष की सजा और 2 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। बुचके को 20 अक्टूबर 2019 में लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था।
मामले की जानकारी देते हुए पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक कृष्णकांत चौहान ने बताया कि बाल चिकित्सालय की स्टॉफ नर्स पारुल रानी नेल्सन ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके जीपीएफ खाते से 1 लाख रुपए पार्ट फाइनल आहरण करने सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया था।
इसके बाद लेखापाल पुरषोत्तम बुचके ने उससे कहा कि जीपीएफ खाते से पार्ट फाइनल आहरण करने के लिए जितना आहरण होना है उसका 10% राशि देना पड़ेगी। रुपयों की आवश्यकता होने पर रखी गई शर्त पर मैंने हां कर दी कि रुपया निकलने के बाद वह 10% राशि दे देगी।
इस पर 18 अक्टूबर 2019 को उसके बैंक खाते में पार्ट फाइनल की राशि 85 हजार रुपए जमा हो गए इसके बाद लेखापाल पुरषोत्तम बुचके ने उससे 8500 रुपए रिश्वत के मांगें।
शिकायत पर लोकायुक्त डीएसपी वेदान्त शर्मा ने ट्रेप दल गठित कर भेजा बुचके ने नर्स को 20 अक्टूबर 2019 को बुलाया जहां उसे बाल चिकित्सालय के कार्यालय में पारुल रानी नेल्सन से 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। बता दें कि विवेचना के बाद लोकायुक्त ने चालान न्यायालय में पेश किया था जहां से उसे सजा सुनाई गई!





