Hyderabad: तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रेवंथ रेड्डी ने कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता Shashi Tharoor को गधा कहा था और उन्हें पार्टी से निकाले जाने की बात कही थी।बात बढ़ने पर उन्होंने थरूर के खिलाफ अपनी कथित अपमानजनक टिप्पणी को वापस लेकर उनसे माफी मांग ली है।
उल्लेखनीय है कि रेड्डी ने अपनी ही पार्टी के सीनियर नेता Shashi Tharoor को गधा कहा था और उन्हें पार्टी से निकाले जाने की बात कही थी। रेड्डी की कथित अपमानजनक टिप्पणी की मीडिया रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नाराजगी जतायी थी। इसके बाद रेड्डी ने Shashi Tharoor से माफी मांगी।
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मल्कागिरी से सांसद रेवंथ रेड्डी ने फोन कर Shashi Tharoor से माफी मांगी है। रेड्डी ने ट्वीट किया, ‘मैंने Shashi Tharoor जी से बातचीत करके यह बताया कि मैं अपनी टिप्पणी वापस लेता हूं और दोहराता हूं कि मैं अपने वरिष्ठ सहयोगी को सर्वोच्च सम्मान देता हूं।’ उन्होंने Shashi Tharoor को उनके शब्दों से पहुंची किसी भी तरह की ठेस के लिए खेद व्यक्त किया।
बाद में ट्वीट का जवाब देते हुए तिरुवनंतपुरम से सांसद Shashi Tharoor ने ट्विटर पर कहा, ‘मुझे रेवंथ रेड्डी ने फोन कर, जो कहा गया था, उसके लिए माफी मांगी। मैं उनके खेद की अभिव्यक्ति को स्वीकार करता हूं और इस दुर्भाग्यपूर्ण प्रकरण को पीछे छोड़कर खुश हूं।’
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दरअसल, बीते दिनों रेड्डी ने Shashi Tharoor को ‘गधा’ कहा था और उन्हें पार्टी से निकालने की बात कही थी। हैदराबाद में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार और हत्या के आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी को लेकर झूठा ट्वीट पोस्ट करने के लिए तेलंगाना के आईटी मंत्री केटी रामाराव पर हमला करते हुए पीसीसी प्रमुख रेड्डी ने कहा था कि जिन्होंने आईटी मंत्री की प्रशंसा की है उन्हें भी राज्य की स्थिति के बारे में पता होना चाहिए। मंत्री के झूठे ट्वीट में उस गधे को भी टैग किया जाना चाहिए था। अगर दोनों एक-दूसरे से अंग्रेजी में बात करते हैं, तो इससे यहां कोई बदलाव नहीं आएगा।
रेड्डी ने कहा था कि उन्होंने आगे कहा कि भाषा ज्ञान नहीं है, बल्कि केवल एक संचार कौशल है और उन्होंने कहा था कि वह उम्मीद करते हैं कि Shashi Tharoor को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा क्योंकि वह पार्टी के लिए एक बोझ साबित हो रहे हैं। हालांकि, इस पर मनीष तिवारी ने भी आपत्ति दर्ज की थी और कहा था ‘डियर रेवंथ रेड्डी, शशि थरूर आपके और मेरे एक मूल्यवान सहयोगी हैं। बेहतर होता कि आप उनसे बात करते अगर आपको उनके कथित बयान के बारे में कुछ संदेह होता। आपने जो कहा है कि वह अनुचित है। आपसे मांग है कि आप अपने शब्दों को वापस ले लें।’