आखिर MP Congress में इतना कन्फ़्यूज़न क्यों चल रहा है, जानिए

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Bhopal: मध्यप्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।मध्यप्रदेश कांग्रेस में धड़ेबाज़ी इस समय चरम पर पहुँच रही है।दिग्विजय सिंह और कमलनाथ अलग अलग दिशा में जा रहे हैं। इसी कारण नीचे के नेताओं में भी बड़ा कंफ्यूजन है।संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने रीवा ग्रामीण के दो नेताओं प्रदीप सेहगोरा और संजय पांडे को हटाने का निर्देश दिया और दो दिन बाद ही निष्काशन रद्द कर सदस्यता बहाल कर दी।
सोशल मीडिया पर संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर द्वारा रीवा ग्रामीण के जिला कांग्रेस अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ला को लिखे गए दोनों पत्र वायरल होने से अब कांग्रेस सहमी सी नज़र आ रही है।
13 सितंबर को लिखे गए पत्र में श्री शेखर कहते हैं कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को तथ्यात्मक रूप से यह शिकायत प्राप्त हुई है कि श्री प्रदीप सेहगोरा एवं संजय पांडे कांग्रेस पार्टी के रीति नीति के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।इन दोनों कार्यकर्ताओं का व्यवहार भी उचित नहीं है। अत: जिला कांग्रेस कमेटी रीवा ग्रामीण को यह निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त दोनों नेताओं को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित करने का आदेश प्रसारित करें।
इस पत्र के जारी होने के बाद कांग्रेस के अंदर खिचड़ी पकी।जोर दबाव का खेल चला और 15 सितंबर को मजबूर संगठन प्रभारी चंद्र प्रभास शेखर को दूसरा पत्र लिखना पड़ा। इसपत्र में शेखर लिखते हैं कि श्री प्रदीप सेहगोरा और संजय पांडे के पत्र प्राप्त हुए ।इनके द्वारा दिए गए विवरण के संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से निर्णय लिया गया है कि इन दोनों का प्रकरण अनुशासन समिति की आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाए। तब तक इनके निष्कासन के आदेश को स्थगित रखा जाता है।
अनुशासन जैसे मामले जिनमें पार्टी की रीति नीति के अनुरूप कार्य नहीं होने पर भी यदि कार्रवाई किन्हीं दबाव में न की जाए तो समझा जा सकता है कि पार्टी के अंदर क्या कुछ चल रहा है।
देखिए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर द्वारा लिखे गए दोनों पत्र

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