भिण्ड पुलिस ने किया अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश, जयपुर से चल रहे थे नेटवर्क, करोडों के लेनदेन का खुलासा

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भिण्ड पुलिस ने किया अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश, जयपुर से चल रहे थे नेटवर्क, करोडों के लेनदेन का खुलासा

भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिंड जिला पुलिस ने साइबर फ्रॉड के अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। पकड़े गए आरोपियों से साइबर फ्रॉड में उपयुक्त सामान भी बरामद किया गया है आरोपी राजस्थान के जयपुर से साइबर फ्रॉड नेटवर्क चल रहे थे एक आरोपी द्वारा कई बार दुबई की यात्रा भी की गई है साथ ही उसके पास से कजाकिस्तान यात्रा करने के लिए दस्तावेज भी जप्त हुए हैं ऐसे में साइबर फ्रॉड आरोपियों के तार विदेशों से जुड़े होने की आशंका भी जताई जा रही है। आरोपी लोगों को तत्काल लोन अथवा नकद रुपयों का प्रलोभन देकर उनके बैंक खाते खरीदने के उपरान्त उनका प्रयोग ऑनलाईन गेमिंग, डिजिटल अरेस्ट, एवं अन्य सायबर फ्रॉड करके ठगी की राशि हस्तान्तरण करने में करते थे। मात्र कुछ महीने में ही बैंक खातों के माध्यम से ही करोडों रूपयों की राशि का लेनदेन सामने आया है।

 

दरअसल 19 दिसंबर को फरियादी मंदीप सोनी ने भिण्ड जिले के ऊमरी थाना में पहुंचकर शिकायत करते हुए बताया कि वह हर महीने राजस्थान के सीकर जिले मेंखाटूश्याम जाता था। जहां उसकी पहचान कुछ युवकों से हुयी। बातों-बातों में युवकों ने उससे सरकारी योजना के लोन तथा प्रायवेट कम्पनी से लोन दिलाने का झांसा देकर उसके बैंक का खाता, एटीएम कार्ड, बैंक में प्रयुक्त नंबर का सिम, आधार कार्ड व पेन कार्ड की कॉपी ले ली। इसके साथ ही एक खाते में एक लाख से अधिक राशि का लोन प्राप्त न होने की कहानी बनाकर फरियादी से उसके 5-6 दोस्त तथा रिश्तेदारों के खाते एवं दस्तावेज भी युवकों ने ले लिये। लोन न मिलने पर फरियादी द्वारा युवकों से बार-बार सम्पर्क करने पर उनके द्वारा कोई स्पष्ट जबाव नहीं मिला। इसके बाद फरियादी द्वारा अपने बैंक खाते और अन्य खातों की डिटेल चैक की गयी तो उनमें लाखों रूपये का लेनदेन सामने आया। तब फरियादी को अपने साथ हुयी धोखाधडी का अहसास हुआ। जिसके बाद फरियादी द्वारा तत्काल ऊमरी पुलिस को अपने साथ हुये सायबर फ्रॉड की जानकारी दी गयी। ऊमरी थाना पुलिस द्वारा घटना की तस्दीक करने के बाद तत्काल आरोपियों के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

 

सायबर फ्रॉड की घटना को पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव द्वारा गम्भीरता से लिया गया तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव पाठक के निर्देशन एवं उपपुलिस अधीक्षक मुख्यालय दीपक तोमर के मार्गदर्शन में साइबर फ्रॉड करने वाले आरोपियों को तत्काल पकड़ने के लिए थाना ऊमरी, नयागांव, बरोही एवं सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई। इस टीम द्वारा संयुक्त रुप से कार्य करते हुए तकनीकि साक्ष्य एकत्रित किये गये एवं मुखबिर तंत्र संक्रिय किया गया। जिसके आधार पर 20 दिसंबर को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुयी कि साइबर फ्रॉड के आरोपी एक अर्टिगा गाडी से भागने की फिराक में है। जिन्हें इस टीम द्वारा थाना गोहद चौराहा क्षेत्र में छीमका गांव के पास घेराबन्दी कर पकड़ लिया गया। पकड़े गए आरोपियों के नाम संजय उर्फ अनंत, इश्तियाक सैफी, राजेश रुलानियाँ, राहुल सैनी एवं उमेश जाट बताए गए हैं। पकड़े गए सभी आरोपियों की उम्र महज 21 से 30 साल के बीच है। पकड़े गए आरोपियों में तीन आरोपी राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले हैं, जबकि इश्तियाक सैफी गुजरात के अहमदाबाद एवं एक आरोपी उमेश जाट राजस्थान के झुंझनू जिले का रहने वाला है जो कि जयपुर की पत्रकार कॉलोनी में रह रहा था।

 

आरोपियों से पूछताछ की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि आम जनता के साथ लोन, सरकारी नौकरी तथा अन्य प्रकार से पैसे कमाने का लालच देकर उनसे उनके खाते खरीद लेते है तथा उन खातों का उपयोग वह ऑनलाईन गेमिंग, डिजिटल अरेस्ट, सायबर फ्रॉड से प्राप्त हुयी राशि के लेनदेन में उपयोग करते थे। आरोपियों द्वारा फरियादी एवं उसके साथियों से प्राप्त किये गये बैंक खातों में करीबन 3 करोड रूपये से अधिक का लेनदेन अभी तक सामने आया है। साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि इनके द्वारा भिण्ड में अन्य लोगों से भी खाते लिये गये है। जो म्यूल अकाउंट के रूप में सायबर ठगी में प्रयोग कर रहे थे।

 

गिरफ्तार किये गए पाचों आरोपी जयपुर में किराये के फ्लैट से सायबर ठगी का नेटवर्क चलाते थे। ये ठग अलग-अलग राज्यों में दलालों के माध्यम से भोले-भाले लोगों को पैसों का लालच देकर उनसे पांच से दस हजार रूपये में खाता खरीदते थे। साथ ही किसी-किसी व्यक्ति से लोन व शासकीय योजना के नाम से खाता खुलवाकर खाते से जुडे एटीएम व सिम ले लेते थे। जिन्हें ऑनलाईन गेमिंग से प्राप्त पैसों के ट्रांजेक्शन तथा अन्य सायबर अपराधों जैसे डिजिटल अरेस्ट सैक्सटोर्सन, ओटीपी फ्रॉड, होटल बुकिंग फ्रॉड से प्राप्त होने वाले पैसे के ट्रांजेक्शन के लिये इस्तेमाल करते थे। खातों से पैसा प्राप्त होने पर उसे एक खाते से दूसरे खाते में घुमाते थे जिससे ट्रांसेक्शन ट्रैक करना मुश्किल हो। बाद में अलग-अलग माध्यमों से पैसा निकाल लेते थे। पूछताछ में बताया गया कि टेलीग्राम पर बनी आईडी के माध्यम से ऑनलाईन गेम का प्रचार प्रसार करते थे तथा वहीं पर लोगों को फंसाकर आईडी पासवर्ड देकर लोगों को लॉगिन कराकर ऑनलाईन गेम खिलवाते थे। आरोपियों द्वारा जिन खातों का उपयोग रकम के लेनदेन में किया जा रहा था उन सभी खातों को पुलिस द्वारा होल्ड करवाने की कार्यवाही की जा रही है।

 

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार संजय उर्फ अनंत नामक युवक द्वारा इससे पहले भी एक दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे करोड़ों रुपए ऐंठे गए थे, जिसके चलते 7 करोड़ रुपए के लेनदेन का एक खाता पहले से ही फ्रीज किया हुआ है।

 

साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश करने में थाना प्रभारी ऊमरी निरीक्षक शिवप्रताप राजावत, उपनिरीक्षक ध्यानेन्द्र सिंह, थाना प्रभारी नयागांव वैभव तोमर थाना प्रभारी बरोही अतुल भदौरिया, सायबर सेल प्रभारी सत्यवीर सिंह, प्रधान आरक्षक प्रमोद पाराशर, महेश कुमार, सतेन्द्र यादव, सोनेन्द्र राजावत, त्रिवेन्द्र सिंह, आरक्षक आनन्द दीक्षित, राहुल यादव, राहुल तोमर, देवेन्द्र, अमित पाल, राजबहादुर, आकाश, विकास चौहान, राहुल शुक्ला, प्रशान्त, रितिक यादव तथा ग्राम रक्षा समिति सदस्य आजम खान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

भिण्ड पुलिस ने आम जनता से अपील करते हुए कहा है किपैसों के लालच में आकर किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक एटीएम, आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेज न दें। किसी अंजान व्यक्ति से अपने खाते में पैसों का लेनदेन न करें। सोशल मीडिया एवं अन्य एप्स के माध्यम से ऑनलाईन गेमिंग से पैसे कमाने के झांसे में न आएं, यह पूर्णतः प्रतिबन्धित एवं गैरकानूनी है। सायबर फ्रॉड होने पर तत्काल सायबर हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर कॉल कर इसकी जानकारी दे एवं अपने नजदीकी थाने पर इसकी सूचना दें।