
KISSA-A-IAS: IAS Anu Garg: 3 दशकों की प्रशासनिक साधना और ओडिशा की पहली महिला मुख्य सचिव
सुरेश तिवारी
भारतीय प्रशासनिक सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि निरंतर सीखने, जमीनी सच्चाइयों को समझने और नीतियों को मानव जीवन से जोड़ने की जिम्मेदारी है। इस सेवा में बहुत कम ऐसे नाम होते हैं जिनका सफर सिर्फ पदों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि प्रशासनिक सोच, संवेदनशील नेतृत्व और संस्थागत बदलाव का उदाहरण बन जाता है।

अनु गर्ग उन्हीं नामों में से एक हैं। तीन दशक से अधिक समय तक जिला, राज्य और केंद्र स्तर पर काम करने के बाद अब वे ओडिशा की पहली महिला मुख्य सचिव बनने जा रही हैं। यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारतीय प्रशासन में महिला नेतृत्व के इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है।

*▪️ प्रारंभिक जीवन और शिक्षा*
▫️ अनु गर्ग का जन्म 1 मार्च 1969 को हुआ। प्रारंभ से ही उनकी शिक्षा में रुचि केवल अंकों तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज, मानव व्यवहार और सार्वजनिक नीति को समझने की दिशा में केंद्रित रही। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की, जहां उनके विषयों ने सामाजिक सोच को गहराई दी। इसके बाद उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर अध्ययन किया, जिससे समाज की संरचना, असमानता और विकास की जटिलताओं को समझने का अवसर मिला।
शिक्षा के प्रति उनकी गंभीरता यहीं नहीं रुकी। उन्होंने आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोक स्वास्थ्य से जुड़ा उच्च अध्ययन किया। इस शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने उन्हें प्रशासन में केवल फाइलों तक सीमित अधिकारी नहीं, बल्कि नीतियों के मानवीय प्रभाव को समझने वाला प्रशासक बनाया।

*▪️ UPSC और भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रवेश*
▫️ अनु गर्ग संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 1991 बैच की ओडिशा कैडर की अधिकारी बनी। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने 1993 में उप जिलाधिकारी के रूप में प्रशासनिक करियर की शुरुआत की। यह वह चरण था जहां उन्होंने ग्रामीण जीवन, जन समस्याओं और प्रशासनिक निर्णयों के वास्तविक प्रभाव को करीब से देखा।
जिला स्तर पर काम करते हुए उन्होंने राजस्व प्रशासन, कानून व्यवस्था, विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण से जुड़े विषयों पर गहरी पकड़ बनाई। यह अनुभव आगे चलकर उनकी प्रशासनिक सोच की नींव बना।

*▪️ जिला और राज्य प्रशासन में भूमिका*
▫️ अपने करियर के शुरुआती और मध्य चरण में अनु गर्ग ने ओडिशा के कई जिलों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। कलेक्टर और कमिश्नर जैसे वरिष्ठ पदों पर रहते हुए उन्होंने विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती, महिला एवं बाल कल्याण और श्रमिकों से जुड़े मुद्दों पर काम किया।
राज्य सचिवालय में उन्हें स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, श्रम और सामाजिक सुरक्षा जैसे विभागों की जिम्मेदारी मिली। इन विभागों में काम करते हुए उन्होंने योजनाओं को कागज से जमीन तक पहुंचाने पर जोर दिया। उनकी पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में बनी, जो प्रशासनिक दक्षता के साथ सामाजिक संवेदनशीलता को संतुलित रखती हैं।
*▪️ महिला सशक्तिकरण और सामाजिक दृष्टिकोण*
▫️ अनु गर्ग का प्रशासनिक दृष्टिकोण विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण और सामाजिक भागीदारी पर केंद्रित रहा है। स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीण महिलाओं की आजीविका और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई।
उनका मानना रहा है कि विकास तब तक अधूरा है, जब तक महिलाओं और कमजोर वर्गों को निर्णय प्रक्रिया में स्थान न मिले। इसी सोच ने उन्हें राज्य प्रशासन में अलग पहचान दिलाई।
*▪️ केंद्र सरकार में अनुभवराज्य प्रशासन के साथ-साथ*
अनु गर्ग ने केंद्र सरकार में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई केंद्रीय मंत्रालयों में नीति निर्माण और कार्यक्रम क्रियान्वयन से जुड़े दायित्व संभाले।
केंद्र में काम करने से उन्हें राष्ट्रीय स्तर की योजनाओं, अंतर-राज्य समन्वय और दीर्घकालिक नीति दृष्टि को समझने का अवसर मिला। यह अनुभव आगे चलकर उन्हें राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक पद के लिए और अधिक सक्षम बनाता है।
*▪️ विकास आयुक्त और वरिष्ठ नेतृत्व*
▫️ अनु गर्ग ओडिशा में विकास आयुक्त के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं। इस भूमिका में उन्होंने राज्य की समग्र विकास रणनीति, बजट प्राथमिकताओं और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय का नेतृत्व किया। यह पद राज्य प्रशासन में मुख्य सचिव के बाद सबसे प्रभावशाली भूमिकाओं में से एक माना जाता है।
इस दौरान उन्होंने योजनाओं की निगरानी, प्रशासनिक सुधार और परिणाम-आधारित कार्य संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया।
*▪️ ओडिशा की पहली महिला मुख्य सचिव*
राज्य शासन ने हाल ही में अनु गर्ग को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया है। वे 1 जनवरी 2026 से ओडिशा की मुख्य सचिव का पदभार संभालेंगी। इस नियुक्ति के साथ वे राज्य के इतिहास में इस सर्वोच्च प्रशासनिक पद पर पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी बन गईं है।
मुख्य सचिव के रूप में उनके सामने प्रशासनिक समन्वय, नीति क्रियान्वयन, विकास योजनाओं की निगरानी और शासन को अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। तीन दशकों का अनुभव उन्हें इस भूमिका के लिए स्वाभाविक विकल्प बनाता है।
*▪️ पारिवारिक जीवन*
▫️ अनु गर्ग का पारिवारिक जीवन भी सार्वजनिक सेवा से जुड़ा रहा है। उनके पति सौरभ गर्ग भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं और केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण दायित्व निभा चुके हैं। दोनों की प्रशासनिक समझ और अनुभव एक-दूसरे को मजबूती देते हैं।
*▪️ युवाओं और महिलाओं के लिए संदेश*
▫️ अनु गर्ग की कहानी यह साबित करती है कि प्रशासनिक सफलता केवल एक परीक्षा पास करने का परिणाम नहीं होती, बल्कि निरंतर सीखने, ईमानदारी, संवेदनशीलता और समय के साथ खुद को ढालने की प्रक्रिया होती है।
उनका सफर विशेष रूप से उन युवतियों के लिए प्रेरणादायक है जो सिविल सेवा को अपना लक्ष्य मानती हैं। यह कहानी बताती है कि नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी न केवल संभव है, बल्कि शासन को और अधिक संतुलित और मानवीय बनाती है।
▫️ अनु गर्ग का प्रशासनिक सफर भारतीय सिविल सेवा की उस परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है, जहां अनुभव, दृष्टि और संवेदना मिलकर नेतृत्व को आकार देते हैं। ओडिशा की पहली महिला मुख्य सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति केवल एक पद परिवर्तन नहीं, बल्कि प्रशासनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।





