प्रदेश के 45 जिलों में वन और राजस्व विभाग के बीच भूमि विवाद अब डिप्टी कलेक्टर निपटाएंगे

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प्रदेश के 45 जिलों में वन और राजस्व विभाग के बीच भूमि विवाद अब डिप्टी कलेक्टर निपटाएंगे

भोपाल:  प्रदेश के पैतालिस जिलों में तीस लाख 4 हजार 624 हेक्टेयर जमीन पर वन और राजस्व विभाग के बीच विवाद की स्थिति है। अब इस विवाद को निपटाने के लिए राज्य सरकार डिप्टी कलेक्टरों की मदद लेगी।

राज्य शासन ने प्रदेश के वन क्षेत्रों में तीस लाख हेक्टेयर से अधिक वन और राजस्व भूमि संबंधी विवाद चिन्हित किए है। अब इनके निराकरण के लिए अलग से वन व्यवस्थापन अधिकारी की तैनाती की जाएगी। इसके लिए डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारियों को वन व्यवस्थापन अधिकारी की जिम्मेदारी सौपी जाएगी। ये सभी विवादित प्रकरण वर्तमान में पैतालिस जिलों के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी के न्यायालय में विचाराधीन है। मुख्यमंत्री ने पायलटट प्रोजेक्क्ट के तहत सर्वाधिक विवादित प्रकरण वाले जिलों में अलग से पांच व्यवस्थापन अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए है। इनके पास अब केवल वन और राजस्व भूमि विवाद के निराकरण का ही एक मात्र काम होगा वे अन्य काम नहीं करेंगे।

सागर में सर्वाधिक 512, बैतूल में 482, सीधी में 416, शहडोल में 449,टीकमगढ़ में 255, तथा मंडला में 218 वन खंडों में वन और राजस्व भूमि के विवाद के मामले चिन्हित किए गए है। जबलपुर में 19 हजार 370 हेक्टेयर , सतना के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रघुराजनगर में एक लाख 97 हजार 792 हेक्टैयर, छिंदवाड़ा में 2 लाख 23 हजार 498 , सिंगरौली में एक लाख 23 हजार हेक्टेयर वन भूमि और राजस्व भूमि के बीच विवाद की स्थिति है। भोपाल जिले के पचास वन खंडोें में तेरह हजार 338 हेक्टेयर वन-राजस्व भूमि पर विवाद की स्थिति है। इन सभी स्थानों पर वन व्यवस्थापन अधिकारी देखेंगे।