सहकारी संस्था का खजाना लूटा: 40.71 लाख गबन में 5000 का इनामी आरोपी गिरफ्तार

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सहकारी संस्था का खजाना लूटा: 40.71 लाख गबन में 5000 का इनामी आरोपी गिरफ्तार

ALIRAJPUR: जिले में सहकारी संस्था से जुड़े 40 लाख 71 हजार रुपये से अधिक के बड़े गबन का खुलासा होने के बाद से मामले का सरगना फरार था। आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था आमखुट से जुड़े इस मामले में पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर के निर्देशन में थाना कट्ठीवाड़ा पुलिस ने सुनियोजित तरीके से लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर कर लिया है, जिस पर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

● अंकेक्षण में उजागर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितता
▫️जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या. झाबुआ की शाखा कट्ठीवाड़ा के शाखा प्रबंधक उदय सिंह चौहान द्वारा प्रस्तुत लिखित आवेदन के आधार पर बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी संस्था मर्यादित आमखुट के वर्ष 2023 24 के अंकेक्षण में गंभीर वित्तीय अनियमितता सामने आई थी।

● तत्कालीन प्रबंधक पर पद का दुरुपयोग कर गबन का आरोप
▫️अंकेक्षण रिपोर्ट और उपायुक्त सहकारिता अलीराजपुर के पत्र दिनांक 19 जून 2025 के अनुसार तत्कालीन संस्था प्रबंधक एवं शाखा पर्यवेक्षक गिरधारीलाल राठौड़, निवासी जोबट रोड दाहोद नाका अलीराजपुर द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 40,71,146.26 रुपये की शासकीय राशि का गबन किया गया।

● इस तरह किया गया गबन
▫️जांच में सामने आया कि आरोपी ने
-बैंक चालान की राशि बैंक खातों में जमा नहीं की।
-ऋण वसूली की राशि केशबुक में दर्ज नहीं की।
-फर्जी नगद भुगतान दर्शाए।
-ब्याज की सही गणना नहीं कर संस्था को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

● अपराध पंजीबद्ध, आरोपी था फरार
▫️मामले में थाना कट्ठीवाड़ा में अपराध क्रमांक 2025 के तहत धारा 420 और 409 भारतीय दंड संहिता में प्रकरण दर्ज कर विवेचना की गई। आरोपी लंबे समय से फरार था, जिस पर पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर द्वारा 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

● पुलिस की सतत कार्रवाई से गिरफ्तारी
▫️लगातार दबिश और तकनीकी निगरानी के बाद थाना कट्ठीवाड़ा पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई जारी है और प्रकरण में अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है।

● सहकारी संस्थाओं की निगरानी पर सवाल
▫️इस मामले ने सहकारी संस्थाओं में वित्तीय नियंत्रण और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासनिक स्तर पर ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता जताई जा रही है।