Congress MLA lying alone : राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार पर कांग्रेस MLA पटवारी अकेले पड़े

कमलनाथ ने कहा 'अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं, कोई भी सदन हो, उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए' 

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Bhopal : राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध और बहिष्कार करके कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और MLA जीतू पटवारी पटवारी अकेले पड़ गए। कांग्रेस ने भी जीतू पटवारी की बहिष्कार के बयान से किनारा कर लिया। कमलनाथ ने जीतू पटवारी के बहिष्कार को गलत बताया (Kamalnath called the boycott of Jitu Patwari wrong) और कहा कि पटवारी का फैसला पार्टी का फैसला नहीं है। कांग्रेस के किसी और MLA ने जीतू पटवारी के बयान को गंभीरता से नहीं लिया और सभी विधानसभा पहुंचे और राज्यपाल अभिभाषण सुना।

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित जीतू पटवारी के करीबी विधायक कुणाल चौधरी भी विधानसभा पहुंचे। कमलनाथ सहित कांग्रेस के सभी विधायकों ने राज्यपाल का अभिभाषण सुना। राज्यपाल के अभिभाषण के विरोध पर जीतू पटवारी की मुश्किलें बढ़ सकती है (Jeetu Patwari’s difficulties may increase on the opposition of the speech).  कमलनाथ ने जीतू पटवारी के ट्वीट पर असहमति जताते हुए कहा कि सदन की गरिमा को बनाए रखने की जरूरत है। इस पर मुख्यमंत्री ने कमलनाथ का आभार जताया।

जीतू पटवारी के ट्वीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी ट्वीट किया। उन्होंने कहा ‘आंखें बंद करने वाले विपक्ष को रामराज्य दिखाई नहीं दे रहा!’ शिवराज ने यह भी कहा कि उनका विरोध गलत आचरण की श्रेणी में आता है, विधानसभा स्पीकर इस पर फैसला करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को नसीहत देते हुए कहा कि लोकतंत्र की गरिमा सभी सदस्यों को रखनी चाहिए। राज्यपाल के  अभिभाषण का बहिष्कार करना ठीक नहीं।

संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में आपत्ति दर्ज कराई। पूछा कि आखिर पटवारी को अभिभाषण का दस्तावेज कैसे मिला! नेता प्रतिपक्ष को ज‌वाब देना चाहिए! कमलनाथ ने उनकी आपत्ति का समर्थन किया और कहा अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं है। कोई भी सदन हो, उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए। कमलनाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मीडिया में आने के लिए, अलग दिखने के लिए, सस्ती पब्लिसिटी के प्रपोगैंडा के लिए ट्वीट से बहिष्कार हो रहा है। मैं आभारी हूं और धन्यवाद देता हूं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को, जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह कहा कि यह गलत परंपरा है। मामले में आसंदी फैसला लेगी, कदम उठाएगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा, पटवारी ने सदन की अवमानना की है। यह मामला फ्लोर में आ चुका है। इसका परीक्षण करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बिना पढ़े ही अभिभाषण का विरोध

कांग्रेस विधायक के बहिष्कार पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि क्या अब तरह से ट्वीट करके काम होगा। क्या आगे भी कांग्रेस ट्वीट करके ही बहिर्गमन करेगी। ये भी विचार करने वाली बात है कि गोपनीय दस्तावेज इनके पास आया कैसे और आया नहीं, तो क्या बिना पढ़े ही कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी अभिभाषण ने उसका विरोध कर दिया। इन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि बिना अभिभाषण को सुने, इसका विरोध क्यों किया। ये गंभीर विषय है, मैं इस पर अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष से बात करूंगा। ये लोकतंत्र का अपमान है। जब जीतू पटवारी को व्यक्तिगत काम होते हैं, तो ऐसे ट्वीट करके बहिष्कार कर देते हैं।

 

जीतू पटवारी का वीडियो ट्वीट

इससे पहले सुबह पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने विरोध दर्ज कराते हुए अभिभाषण के बहिष्कार करने की घोषणा की। पटवारी ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि यह अभिभाषण कैसे सुना जा सकता है। मध्यप्रदेश ने गायों की हत्या के मामले में विश्व में नाम कर दिया। इस सरकार में लोकतंत्र की हत्या की गई। सरकार ने पंचायत चुनाव, स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं कराए। प्रदेश 3 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्जे में है। हर व्यक्ति पर करीब 50 हजार रुपए का कर्ज है। पटवारी ने यह आरोप भी लगाए कि सरकार किसानों का कर्जा खा गई, किसानों के बीमा में अनियमितता और गबन हो गया। मप्र में 3 हजार 500 नई शराब की दुकानें खोल दीं। सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते, रोजगार की बात नहीं कर सकते। शराबी बनो और मस्त रहो। हर घर में शराब रखो। ऐसा प्रदेश का मुख्यमंत्री दूसरा नहीं देखा। ऐसे मुख्यमंत्री की सरकार का अभिभाषण कैसे सुना जा सकता है।